एक्सक्लूसिव

न्यायमूर्ति वीके बिष्ट द्वारा एक महिला की शिकायत पर गढ़वाल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट द्वारा एक महिला नईमा की शिकायत पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को नोटिस कर जवाब मांगा गया है।


संपूर्ण वाकया इस प्रकार है कि नईमा पत्नी इमरान अली निवासी मोहम्मदपुर कुम्हारी जिला हरिद्वार द्वारा अपनी सत्र 2016-18 M.Ed की मार्कशीट ना मिलने के संबंध में मानव अधिकार आयोग उत्तराखंड में शिकायत दर्ज करवाई गई कि मैं एक मध्यम परिवार से आती हूं मैंने वर्ष 2016-18 में अरिहंत कॉलेज ऑफ एजुकेशनल निकट सान्तरशाह पुलिस चौकी रुड़की हरिद्वार उत्तराखंड में M.Ed सत्र 2016-18 में एडमिशन लिया था और प्रार्थिनी ने जब प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा दी और परीक्षा फल आया तो उस पर सत्र 2015-17 लिखा आया तो प्रार्थिनी ने कॉलेज प्रबंधन से मौखिक में बोला कि इस पर 2015-17 लिखा आया है तो कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर उत्तराखंड यूनिवर्सिटी से टेक्निकल गलती से 2015-17 लिखा आया है अगली बार ठीक हो जाएगा। ऐसे ही सभी समेस्टरों में परीक्षा फल पर 2015-17 आया है। इस बावत मैंने फिर कॉलेज प्रबंधन से अनुरोध किया कि इसको आप सही करवाओ तो कॉलेज की तरफ से आया कि यह मार्कशीट में ठीक होकर आ जाएगा कुछ दिनों बाद मैंने फिर कॉलेज प्रबंधन को बोला कि अभी तक मेरी M.Ed मार्कशीट नहीं आई है तो कॉलेज प्रबंधन ने बोला कि आप की मार्कशीट पर 2015-17 ही मिल पाएगी क्योंकि 2016-18 सत्र हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर उत्तराखंड यूनिवर्सिटी द्वारा शून्य कर दिया गया था और सत्र अगर शून्य कर दिया गया था तो कॉलेज प्रबंधन ने एडमिशन क्यों लिए मेरे साथ ऐसा खिलवाड़ क्यों किया गया मेरा तो पैसा भी चला गया और साल भी बर्बाद हुए तथा मिला कुछ नहीं और कॉलेज प्रबंधन बोलता है कि हम इसमें कुछ नहीं कर सकते क्योंकि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर उत्तराखंड यूनिवर्सिटी से मार्कशीट नहीं मिल पा रही है। इसलिए मेरे पत्र का संज्ञान लेकर कार्यवाही करने की कृपा करें और मेरी मार्कशीट हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर उत्तराखंड यूनिवर्सिटी प्रदान करवाने की कृपा करें ताकि मेरा भविष्य अंधकार में ना हो।
साथ ही इस संबंध में पीड़िता द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को भी कार्रवाई हेतु पत्र भेजे गए हैं।


न्यायमूर्ति वी.के. बिष्ट द्वारा सुनवाई पश्चात मामले की गंभीरता को देखते हुए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के रजिस्टार को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तिथि पर महिला की शिकायत के संबंध में जवाब दाखिल करने हेतु निर्देशित किया गया है और चेतावनी भी दी गयी हैं कि आदेश की अपेक्षा अनुरूप कार्यवाही ना किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारों प्रांत यथोचित आदेश पारित कर दिए जाएंगे।