एक्सक्लूसिव

आयोग ने MNA ऋषिकेश को पैरालाईज महिला की भूमि की धोखे से रजिस्ट्री कर नगर निगम ऋषिकेश में म्यूटेशन करवाने वालों के संबंध में नोटिस जारी कर मांगा जवाब

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी 

अत्याधिक बीमार,पैरालाइज्ड महिला की बीमारी का फ़ायदा उठा बिना उसकी सहमति के धोखाधड़ी से सम्पति हड़पना तथा नगर निगम ऋषिकेश देहरादून में भी धोखे से सम्पति का दाख़िल-ख़ारिज अपने नाम करवाने की कोशिश ।
समस्त मामला यह हैं कि जिला देहरादून के नेहरुकालोनी क्षेत्र में रहने वाली महिला ममता वाधवा पत्नी भूषण कुमार वाधवा जो अत्यधिक बीमार हैं क्योंकि लगभग सवा साल पूर्व इस महिला को पैरालाइज हो गया था जिस कारण ये चलने फिरने में भी असमर्थ हैं तथा लगातार इनका ईलाज भी चल रहा हैं।
ममता वाधवा के स्वर्गीय पिता की एक संपत्ति जिला देहरादून के ऋषिकेश में है जिसके दो हिस्सेदार हैं एक स्वयं ममता दूसरे उनके स्वर्गीय भाई की पत्नी पूनम धींगड़ा इस सम्पति के संबंध में सम्पति के दोनों वारिसो के बीच समझौता हुआ था कि उक्त सम्पति विक्रय होने पर उसके एक हिस्से की धनराशि रु 52,00000/-(बावन लाख रु) ममता वाधवा को दिए जाएंगे तथा रु 5,00000(पाँच लाख) एडवांस देकर उनको लिखकर दिया कि बाकी की धनराशि सम्पति विक्रय होते ही दिनाँक 31-12-2020 तक दे देंगे परंतु ममता की बीमारी का फायदा उठाते हुए उनकी भाभी पूनम और उसके बेटे साहिल ने धोखे से संपति को बेच दिया जबकि हिस्सेदार होने की वजह से उक्त संपति ममता की सहमति के बिना ओर बिना विक्रय पत्र में हस्ताक्षरों के बिक नही सकती थी ।
ममता को अपनी संपत्ति बिकने की जानकारी दिनांक 24-01-2021 का राष्ट्रीय सहारा समाचार पत्र में नगर निगम ऋषिकेश की विज्ञप्ति पढ़ने के बाद हुई समाचार पत्र में नगर निगम द्वारा सूचना प्रकाशित की हुई है कि यदि इस संपत्ति के संबंध में किसी को कोई आपत्ति है तो वह दिनांक 24-2-2021 तक प्रस्तुत करें।
नगर निगम ऋषिकेश की समाचार पत्र में यह विज्ञप्ति पढ़ने के बाद पीड़ित महिला के पति भूषण कुमार वाधवा ऋषिकेश नगर निगम में गए और उनके द्वारा सारी वस्तुस्थिति से नगर निगम के अधिकारियों को बताया गया कि उपरोक्त संपत्ति श्रीमती ममता की तथा उनके स्वर्गीय भाई की पत्नी पूनम दोनों की है परंतु उनके स्वर्गीय भाई की पत्नी पूनम ओर उसके पुत्र साहिल ने धोखे से संपत्ति को बेच दिया है जबकि विक्रय पत्र में दोनों की सहमति और हस्ताक्षर होने चाहिए थे। इसके बाद पीड़िता ममता वाधवा के पति द्वारा लिखित में अपनी आपत्ती दिनांक 04-02-2021 को श्रीमान मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश जिला देहरादून को दे दी गई ।
साथ ही इस संबंध में लोक सूचना अधिकारी नगर निगम ऋषिकेश देहरादून से नियमानुसार 48 घंटे में प्रकरण के संबंध में लोक सूचना में सूचनाएं भी मांगी गई 48 घंटे में इसलिए क्योंकि ममता वाधवा की तबीयत बहुत ही खराब है। पैरालाइज हो रखा है और जानमाल की हानि से इसलिए जुड़ी है क्योंकि जब से ममता वाधवा को यह पता लगा है कि उसकी जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवाने के बाद नगर निगम में दाखिल खारिज करवाने की साजिश रची जा रही है उसके बाद उसको और भी बड़ा मानसिक आघात लगा है।


साथ ही ऋषिकेश नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी ने सूचना का जवाब तो नहीं दिया बल्कि वहां के एक कर्मी का फोन कई बार ममता वाधवा के पति और उनके बेटे को आ गया और परेशान करने की कोशिश की जाने लगी क्योंकि उसके द्वारा यह कहा गया कि नगर निगम से संबंधित पत्र देने हैं कहां पर दो उसके जवाब में बार-बार ममता वाधवा के पति और उनके बेटे सनी ने उस व्यक्ति से कहा कि हमने जो पत्राचार किया है उस पत्र में तथा जिस लिफाफे में डाक भेजी गई है उसपर भी हमारे घर का नेहरू कॉलोनी देहरादून का पता लिखा हुआ है वहां भेज दो परंतु नगर निगम का कर्मी फिर भी फोन कर रहा है सूचना तो दी नहीं बल्कि परेशान करने की कोशिश की जा रही है इस से तो ऐसा प्रतीत होता हैं कही नगर निगम के कुछ कर्मी मिले हुए तो नही हैं। साथ कि इस प्रकरण में जब इस संवाददाता द्वारा आज मुख्य नगर अधिकारी ऋषिकेश से मोबाइल फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
इस अत्यंत ही गंभीर मामले में इस संवाददाता द्वारा मानव अधिकार आयोग में याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि मामला बहुत ही गंभीर एवं एक अत्यधिक बीमार पैरालाइज महिला से जुड़ा हुआ है जो चल भी नहीं सकती इसलिए धोखे से उसकी संपत्ति हड़प ली गई हैं और अब धोखे से ही नगर निगम ऋषिकेश में मिलीभगत कर अपने नाम संपत्ति का म्यूटेशन करवाने की कोशिश में है इसलिए जनहित न्यायहित में पीड़ित बीमार महिला की मदद करने की कृपा कर मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश से संपूर्ण मामले की रिपोर्ट मंगवाने की कृपा कर तत्काल कार्रवाही करने की कृपा करें ताकि इस बीमार महिला का अहित ना हो पाए।
मानव अधिकार आयोग उत्तराखंड के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद शर्मा तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा मामले को अत्यंत गंभीरता पूर्वक लेते हुए तत्काल मुख्य नगर आयुक्त ऋषिकेश देहरादून को नोटिस जारी कर संपूर्ण मामले में कार्यवाही करने हेतु आदेशित कर रिपोर्ट तलब की गई है।