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हाईकोर्ट ने गुप्ता बंधुओं के खटारा विमान चलाने पर सरकार का किया जबाब तलब

कमल जगाती, नैनीताल

उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने भारत सरकार, राज्य सरकार और एविएशन को प्रदेश में असुरक्षित हवाई जहाज उड़ाने संबन्दी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है और तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है ।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में हैरिटेज ऐविऐशन के नाम से संचालित हवाई सेवा के मामले में यात्रियो की सुरक्षा को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सचिव नागरिक उड्डयन, डी.जी. नागरिक उड्ययन भारत सरकार, प्रबन्धक नैनी सैनी एयरपोर्ट पिथौरागढ़, सुरक्षा ब्यूरो नागरिक उडययन भारत सरकार को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व् न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।
आपको बता दे की हल्द्वानी निवासी गणेश उपाध्याय ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश में हैरिटेज ऐविऐशन के नाम से आम आदमी के लिए रीजनल कनैक्टिविटी सिस्टम के तहत चलायी जा रही विमान सेवा में लगातार लापरवाही बरती जा रही है। हैरिटेज एविएशन के नाम से दी जा रही विमान सेवा में उड़ान भरने वाले विमानो का निर्माण 1994 में ही बनना बन्द हो गया था । 25 साल पुराने विमान को जनता की जान की परवाह ना करते हुए राज्य सरकार इसे चलाने की अनुमति सम्बन्धित कम्पनी को दी गयी है। जबकि पूर्व में पिथौरागढ से देहरादुन की उड़ान के दौरान इस विमान का दरवाजा हवा में ही खुल गया था, इसके अलावा गाजियाबाद से पिथौरागढ़ उड़ान के दौरान विमान का पहिया जाम हो गया था। यही नही इस कम्पनी द्वारा यात्रियों के साथ भद्दा व्यवहार किया जा रहा है और यह सेवा रोजाना भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। याचिकाकर्ता का कहना है यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए हैरिटेज एविएशन की गारंटी सीज कर कम्पनी का परमिट निरस्त किया जाए और पुराने विमानों को सेवा से बाहर किया जाय। मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 नवम्बर की तिथि नियत की गई है।