एक्सक्लूसिव

उत्तराखंड हाईकोर्ट की डबल बैंच द्वारा जनहित याचिका में राज्य सरकार, डीजी हैल्थ, अपर स्वास्थ्य निदेशक सरोज नैथानी ओर सीएमओ हरिद्वार को नोटीस

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

रुड़की निवासी कपिल देव ने घोटालों व भ्रष्टाचार के साक्ष्य सूचना के अधिकार के अंतर्गत, सूचनाएं एकत्रित करके उच्च न्यायालय नैनीताल में दिनाँक 30-6-2021 एक जनहित याचिका दायर की गयी थी। 27 जुलाई 2021 को जनहित याचिका में उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायमूर्ति आर. एस. चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की बैंच द्वारा राज्य सरकार उत्तराखंड, स्वास्थ्य महानिदेशक उत्तराखंड, वर्तमान सीएमओ हरिद्वार तथा पूर्व सीएमओ हरिद्वार व वर्तमान में स्वास्थ्य महानिदेशालय उत्तराखंड में तैनात अपर निदेशक डॉक्टर सरोज नैथानी को नोटिस जारी किया है और 4 सप्ताह के अंदर उच्च न्यायालय में जवाब दाखिल करने के समय दिया है।


सम्पूर्ण प्रकरण इस प्रकार हैं कि देहरादून के प्रेस क्लब में स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले को लेकर एक प्रेस वार्ता हुई जिसमें रुड़की के कपिल देव ने प्रेस वार्ता कर स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि बीते वर्ष 2020 में मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार डॉक्टर सरोज नैथानी व उसके सहयोगियों द्वारा कोरोना बजट में करोड़ों रुपए के घोटाले किए गए थे और एनएनएम प्रमोशन में भी बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया था और ट्रांसफर पोस्टिंग व नियुक्ति में भी भारी भ्रष्टाचार किया गया था। इन सभी विषयों को कपिल देव ने पत्राचार के माध्यम से स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारियों को दर्जनों पत्र लिखे और सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी यह मामला गत वर्ष सुर्खियों में रहा था।
इन सब घोटालों व भ्रष्टाचार को लेकर उच्च अधिकारियों ने डॉक्टर सरोज नैथानी को हरिद्वार सीएमओ पद से हटा दिया गया था और साक्षात्कार विभाग के आदेशानुसार उपरोक्त सभी भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच कमेटी गठित कर जांच कराई गई थी लेकिन उस उस जांच को डॉक्टर ने सेटिंग कटिंग के तहत दबा दिया गया था। वह भ्रष्टाचार और घोटाले के संबंध में हरिद्वार ग्रामीण विधायक वर्तमान कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद ने भी अनेकों पत्र आला अधिकारियों के इस भ्रष्टाचार के संबंध में लिखे हैं। सभी पत्राचार को संज्ञान लेते हुए डॉक्टर ओर थाने उसके सहयोगी की थाने में उनके खिलाफ जो जांच चल रही थी वह जांच में वह दोषी पाए गए थे लेकिन उस जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर ने थाने के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई बल्कि डॉक्टर नैथनी को और मलाईदार महत्वपूर्ण पद दे दिया गया था।
उसी पद पर डॉ नैथानी आज तक विराजमान है। सभी
आगे कपिल देव ने कहा कि उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग का बहुत बड़ा घोटाला है। एक समाजसेवी होने के नाते अपना यह दायित्व तो समझा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर जीरो टॉलरेंस सरकार का सहयोग हमने किया है और आगे भी करेंगे। जनता की कमाई का पैसा जो भी अधिकारी विस्तार के तहत हड़प करने की कोशिश करेंगे उनके खिलाफ सभी प्रकार की मुहिम चलाकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ने का काम करेंगे और भ्रष्ट अधिकारियों को बिल्कुल भी बक्शा नहीं जाएगा।