एक्सक्लूसिव

उत्तराखंड सरकारी विभाग के वाहनों के चालकों और अधिकारियों द्वारा सीट बैल्ट का प्रयोग ना करने पर डबल बैंच द्वारा सचिव गृह,जीएम परिवहन, आईजी कुमाऊँ और डीआईजी गढ़वाल को नोटिस

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

उत्तराखंड राज्य के परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, कलेक्ट्रेट आदि लगभग सरकारी विभाग के चालकों द्वारा सरकारी चौपहिया वाहन चलाते समय तथा चालक के बगल में बैठे व्यक्तियों द्वारा अधिकतर सीट बैल्ट का प्रयोग नहीं किया जाता हैं,ओर चालान करने वाली पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा भी सीट बैल्ट ना पहनने वालों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाती देख कर भी आँखे बंद कर ली जाती हैं तथा दूसरी ओर आमजनता उनकी नजरों से बच कर निकल नहीं सकती।

सम्पूर्ण वाकया इस प्रकार हैं कि उत्तराखंड राज्य के परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, कलेक्ट्रेट आदि लगभग सरकारी विभाग के चालकों द्वारा सरकारी चौपहिया वाहन चलाते समय तथा चालक के बगल में बैठे व्यक्तियों अधिकतर द्वारा सीट बैल्ट का प्रयोग नहीं किया जाता हैं,ओर चालान करने वाली पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा भी इन सीट बैल्ट ना पहनने वालों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाती हैं सरकारी गाड़ी देख कर आँखे बंद कर ली जाती हैं अनदेखा कर दिया जाता हैं तथा दूसरी ओर आमजनता उनकी नजरों से बच कर निकल नहीं सकती सीट बैल्ट का उल्लंघन करने पर तत्काल कारवाही कर देते हैं ।


इस संवाददाता द्वारा इस अत्यन्त ही जनहित के मामलें में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि उपरोक्त शिकायत के संबंध में राज्यहित जनहित में कार्यवाही करने की कृपा करें अगर सरकारी वाहन के चालक अथवा उसके बगल में बैठे व्यक्ति सीटबेल्ट पहनने संबंधी नियमों का उल्लंघन करते हैं उनके विरुद्ध चालान के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई भी होनी चाहिए विशेषकर परिवहन विभाग तथा पुलिस विभाग के द्वारा उल्लंघन किए जाने पर तो कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि यही विभाग चालान ओर कार्यवाही करने वाला है और इसी विभाग के लोग उल्लंघन कर रहे हैं।


इस संवाददाता द्वारा दायर की गई शिकायत की गंभीरता को देखते हुए आयोग की डबल बेंच द्वारा शिकायत पर तत्काल सुनवाई की गई और आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद्र शर्मा तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा कार्यवाही करते हुए सचिव गृह उत्तराखंड शासन, महाप्रबंधक उत्तराखंड परिवहन निगम देहरादून, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊँ रेंज उत्तराखंड और पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल रेंज उत्तराखंड देहरादून को कार्यवाही हेतु निर्देशित कर मामलें में चार सप्ताह में रिपोर्ट तलब की गई हैं ।