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एक्सक्लुसिव देहरादून: नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिखाया आमजन को निजी अस्पतालों की कोरोना में लूट वापसी का रास्ता

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिखाया आमजन को निजी अस्पतालों की लूट वापसी का रास्ता

देहरादून: कोरोना महामारी की दोनों-लहरों ने एक ओर देश भर में त्राहिमाम मचाया तो वहीं संकट की इस घड़ी में अवसर ढूंढ निजी अस्पतालों ने लोगों को जमकर लूटा।
संकट की घड़ी में निजी अस्पतालों की ओर से मचाई गई लूट को वापस लेने के लिए देहरादून निवासी अभिनव थापर ने सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली में जनहित याचिका दायर की है। इस पर माननीय सुप्रीम कोर्ट की संयुक्त पीठ ने इस याचिका के निजी अस्पतालों द्वारा लिए गए अत्याधिक बिल चार्ज की अनियमिताओं, मरीजों को रिफंड जारी करने व पूरे देश के लिये सुनिश्चित गाइडलाइंस जारी करने के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय, केंद्र सरकार और फिर समस्त राज्यों को जवाब-तलब किया।

वीडियों

अभिनव थापर ने कोरोना पीड़ितों से बिल एकत्रित करने के लिये प्रदेशभर में “लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है” अभियान चलाया हुआ है । अब तक उन्होंने मीडिया और घर-घर पर्चों के माध्यम से इस अभियान को चलाया, किन्तु आज उनकी टीम ने एक नए तरीके से “नुक्कड़ नाटक” के द्वारा इंदिरानगर वसंत विहार क्षेत्र से आमजन का जनजागरण चलाया है।

कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक का मंचन कर निजी अस्पतालों की खुली लूट दिखाई । इसके साथ ही नुक्कड़ नाटक में कोरोना में हुई समस्याओं जैसे हस्पतालों में प्लाज्मा, बेड न मिलना, दवाइयों की उपलब्धता, मरीजों से पैसे की लूट को दर्शाया गया। उल्लेखनीय है कि अभिनव थापर, विजयपाल रावत और उनके साथियों द्वारा कोरोना-काल मे COVID HELP CENTER UK व्हाट्सएप ग्रुप से समूचे उत्तराखंड में हजारों परिवारों की मदद की थी। अब अभिनव थापर की टीम ‘नुक्कड़ नाटकों ” के माध्यम से लोगो को हस्पतालों से हुई लूट व उनके अत्यधिक बिल वापसी के संबध में जनजागरण चलाएगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को उनकी बिल वापसी लड़ाई में मदद मिल सके।

सुप्रीम कोर्ट में पूरे भारत के लगभग 1 करोड़ कोरोना मरीजों के बिल वापसी के लिये जनहित याचिका के माध्यम से संघर्ष कर रहे निवासी अभिनव थापर ने कहा कि चूंकि अभी यह मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित है अतः बिल एकत्रित करने के लिये ‘लड़ाई अभी बाकी हिसाब है, हिसाब अभी बाकी है” अभियान के तहत उनकी हर संभव न्यायसंगत कोशिश रहेगी कि हर नागरिक को उनसे हस्पतालों द्वारा लूटे हुए पैसे की वापसी के संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जा सके। इसके लिए जनता के विशेष सुझाव मिलने के साथ उनका समर्थन भी मिल रहा है, अतः अब उन्होंने नुक्कड़ नाटकों से भी जनजागरण अभियान का रास्ता चुना।

इंदिरा नगर स्थित मॉल में हुए नुक्कड़ नाटक में कलाकार नीतीश, साहिल, अभिषेक, मीनाक्षी, श्यामल व करीना ने निजी अस्पतालों द्वारा की लूट से हुई जनता को परेशानी को दिखाया, और आमजन ने उनके प्रयासों में साथ देने के लिये प्रण लिया।

One Reply to “एक्सक्लुसिव देहरादून: नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिखाया आमजन को निजी अस्पतालों की कोरोना में लूट वापसी का रास्ता

  1. Corona काल में मानवीय मूल्यों, संवेदनाओं, अस्पतालों में मची घनघोर अव्यवस्थाओं, दवा, सेवा, सेवा कर्मियों के अभाव, संवेदनहीनता, इंतजाम करने में फेल मशीनरी, केवल डाटा के ऊपर बहस करने में लगे जन संगठनों आदि के द्वारा जो कष्ट,इस पैंडेमिक के शिकार लोगों को हुए है या जिन्होंने इसे भुगता है, उनकी पीड़ा आज भी अवर्णनीय है और हमेशा रहेगी।
    ऐसा भी नहीं है कि अच्छाइयां और सच्चे मन से प्रयास करने वालों लोगों की हर क्षेत्र में केवल कमी ही थी, परंतु बीमारी की भयावहता को देखते हुए तथा हमारी तैयारियों और मानसिकता के कारण उन सबके प्रयास पूरी तरह कारगर नहीं हो पाए और कई लोग सरलता से उच्च गुणवत्ता के स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर पाए जो उनके नागरिक अधिकार है। मुख्य प्रश्न यह है की यदि पुनः यदि कोई भयावह लहर जो viras mutation के कारण हो सकती है तो क्या हम बेहतरीन तरीके से मुकाबला कर पाएंगे? यदि हां तो कैसे?

    जहां सरकारी क्षेत्र में सुविधा न होने या लापरवाही के कई किस्से जग जाहिर हुए वहीं निजी क्षेत्र के कतिपय चिकित्सालयों, एजेंसी, दवा आपूर्ति कर्ताओं द्वारा बड़ी निर्ममता से मरीजों के शोषण की शिकायतें/ कथाएं भी सामने आई ।
    संभवतः आज के दिन सभी संबंधितों ने इस से एक सबक सेवा एवं श्रद्धा का ले लिया होगा जिसकी पुष्टि आने वाले समय किसी अन्य त्रासदी के समय ( ईश्वर न करे) प्रदर्शित होगी।
    राज्य का प्राथमिक पुनीत कर्तव्य है कि वह ग्राउंड स्तर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में ( सभी क्षेत्रों में भी) top priority पर अविलंब सुधार चाहे सरकारी व्यवस्था हो या निजी, करे /करवाए ताकि एक भी रोगी या उसके अटेंडेंट के शोषण या लापरवाही का इभी भी भविष्य में प्रकरण न होने पाए तथा जीवन रक्षा हो सके।

    अभिनव थापर एवम उनके मित्रों द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में की गई याचिका तथा उनको मिलने वाले जन सहयोग से हो सकता है इस पूरे प्रकरण पर एक गहन अन्वेषण से भविष्य के लिए एक ठोस नीति तैयार हो सके एवम देश की पूरी राजसत्ता एवम सेवा क्षेत्र में दूरगामी परिवर्तन आ जाएं जो देश हित में अत्यधिक लाभप्रद होगा।
    एक कोने से पूरे पैंडमिक के जो दर्द की कहानी पर पर्दा हटाने का जो प्रयास किया जा रहा है , यदि इस तरह और भी व्यापक रूप से जन अधिकारों की रक्षा हो सके तो बहुत ही अच्छा होगा। यह प्रयास हमारे आज के वर्तमान हेल्थ सिस्टम चाहे सरकारी हो या निजी, उसके फास्ट ट्रेक विकास के लिए लाभकारी होगा और अपेक्षित भी।

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