अपराध

उत्तराखंड एसटीएफ साईबर क्राईम पुलिस ने नेट बैंकिंग का पिन रिसेट करने के नाम पर दस लाख की धोखाधड़ी करने वालें दो वांछितों को पुणे से किया गिरफ्तार

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स एवं साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन की देशभर में धरपकड़ जारी

कल जहां एक अभियोग में उ0प्र0 से ठगी का अपराधी गिरफ्तार तो आज महाराष्ट्र से 02 अभियुक्तो को गिरफ्तार किया गया ।

वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है । इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा आम जनता को फोन कर स्वयं को “बैंक अधिकारी बन खाते का ऑनलाइन एक्सेस प्राप्त कर धोखाधड़ी” करने की काफी शिकायते प्राप्त हो रही थी ।
इस क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ था जिसमें यदुवीर सिह निवासी चन्द्रबनी देहरादून के साथ इसी प्रकार की घटना घटित हुयी थी जिसमें शिकायतकर्ता को अज्ञात व्यक्ति द्वारा कॉल कर स्वयं को एक्सिस बैंक का कस्टमर केअर अधिकारी बन वादी का इंटरनेट पासवर्ड रिसेट करने की बात कहकर वादी के खाते का ऑनलाइन एक्सेस लिया गया तथा उनके खाते में 10 लाख का लोन प्राप्त कर उक्त धनराशि को विभिन्न बैंक/ऑनलाईन गेटवे, मर्चेन्ट के माध्यम लोन एवं खाते मे पहले से मौजूद रुपये 78000/- की धनराशि को भी ट्रांसफर कर दिया गया, बैंक द्वारा जब वादी से लिये गये लोन की किस्त भरने हेतु सम्पर्क किया गया तब वादी को उनके साथ हुयी रुपये 10,78000/- की धोखाधड़ी की जानकारी हुयी । शिकायतकर्ता द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर धारा 420, 120बी भादवि व 66(सी) आईटी एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल के सुपूर्द कर विवेचक के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया।
अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर, ई-वालेट तथा बैंक खातों के बारे में जानकारी की गयी तो ज्ञात हुआ कि धनराशि झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्र आदि राज्यो के बैंक खातो में जमा करायी गयी है तथा मोबाईल नम्बर भी इन्ही राज्यो के निवासियों के नाम पर पंजीकृत होने पाये गये । बैंक, टेलीकॉम कम्पनियों से प्राप्त विवरण का गहनता से विश्लेषण एवं अन्य तकनीकी रुप से साक्ष्य एकत्रित कर कई पुलिस टीमो को तत्काल झारखण्ड बिहार एवं महाराष्ट्र आदि राज्य रवाना किया गया ।
पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से गिरोह के 02 सदस्य निसार अंसारी एवं अब्दुल अंसारी निवासी झारखण्ड को घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन सहित पुणे, महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया, जिन्हे ट्रांजिट रिमाण्ड पर उत्तराखण्ड लाया जा रहा है ।
अभियुक्त से पूछताछ पर महत्वपूर्ण जानकारिया प्राप्त हुयी कि वह और उनके सहयोगी बैंक अधिकारी बनकर जनता से सम्पर्क करते है तथा उनको बातो के झांसे मे लेकर उनका नेट बैंकिंग का एक्सेस प्राप्त कर लेते है, नेट बैंकिंग के माध्यम से उनके खाते में बैंक से ऑनलाइन लोन प्राप्त कर उन्हे अन्य खातो मे स्थानान्तरित कर एटीएम के माध्यम से आहरित करते है । उक्त कार्य हेतु वे विभिन्न लोगो के बैंक खाते एवं फर्जी आईडी पर लिये गये सिम कार्ड आदि का प्रयोग करते है ।
साइबर अपराधियों की तलाश में पूर्व में टीम जामतारा, देवघर आदि संभावित स्थानो पर अभियुक्तो की तलाश की गयी थी, परन्तु उत्तराखण्ड स्पेशल टास्क फोर्स व अन्य राज्यो की पुलिस की दबिश के कारण अभियुक्तगण बचने के लिये पुणे में एक लॉज मे रहकर अपना नया ठिकाना बनाया था। कई दिनो की सर्विलांस व मुखबिर तंत्र की जानकारी उपरान्त पुणे के कोल्हापुरी काठा लॉज से अभियुक्तगणो को गिरफ्तार करने में टीम को सफलता प्राप्त हुयी। प्रारम्भिक पूछताछ में गैंग द्वारा पहले जामतारा, झारखण्ड से अपराध कारित किया जाता रहा और अब नया ठिकाना महाराष्ट्र मे बनाया था ।
अपराध का तरीकाः-
अभियुक्तगण स्वयं को बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बताकर आम जनता को फोन कर उनके बैंक खातो में कुछ समस्या होने की बात कहकर उनके बैंक खातो की गोपनीय जानकारी प्राप्त करते है तथा उनके नेट बैकिगं का एकसेस प्राप्त कर उनके नाम पर लोने लेकर उक्त धनराशि को विभिन्न बैंक खातो में स्थानान्तरित कर आहरित करते है । इस कार्य हेतु फर्जी नाम पतो, आईडी पर सिम एवं बैंक खाते खोलते है तथा फर्जी मेल आईडी आदि बनाते है।

गिरफ्तार अभियुक्त-
1- निसार अंसारी निवासी करमाटांड झारखण्ड ।
2- अब्दुल अंसारी निवीस देवघर झारखण्ड ।

बरामदगी-
1- मोबाइल फोन- 01 (घटना में प्रयुक्त)
2- 03 एटीएम कार्ड (विभिन्न बैंको के)

पुलिस टीम-
1- निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल
2- हे0का0प्रो0 रकम सिंह
3- का0 पवन कुमार
4- Technical Team/ एसटीएफ

प्रभारी एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड अजय सिंह द्वारा जनता से अपील की गयी है कि वे किसी भी प्रकार के लक्की ड्रॉ, डिस्काउन्ट, लॉटरी, पॉलिसी में बोनस के प्रलोभन में न आयें । लॉटरी एवं ईनाम जीतने के लालच में आकर धनराशि देने तथा अपनी व्यक्तिगत जानकारी व महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचना चाहिये। किसी भी प्रकार का ऑनलाईन लोन लेने से पूर्व स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें । कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें ।