खुलासा

सिपाही को पीटने वाले थानेदार पर क्या होगी कार्यवाही !

थाना अध्यक्ष द्वारा सिपाही को दौड़ा दौड़ा कर पीटना, उत्तराखंड राज्य के जिला उधम सिंह नगर के झनकईयां थाने के थाना अध्यक्ष प्रदीप राणा द्वारा अपने ही थाने के सिपाही मोहन सिंह नेगी कों दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया ऐसी पिटाई की सिपाही की उंगली तक फ्रैक्चर हो गयी सिर और पैर पर भी गंभीर चोटें आई हैं।

सिपाही मोहन सिंह नेगी ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड को भेजे पत्र में कहा है कि दिनांक 9:11:2019 की रात मै थाने में था तभी थानेदार वहां पहुंचा और सीधे गाली गलौज करने लगे और फिर मारपीट पर उतारू हो गया और उसे दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू कर दिया तथा सिपाही की पत्नी ने भी सीएम पोर्टल पर इस संबंध में शिकायत की है।

सिपाही को जानवरों की तरह बर्बरता पूर्वक पीटना बहुत ही शर्मनाक है यह खुलेआम मानवाधिकारों का उल्लंघन है, थानाध्यक्ष प्रदीप राणा के विरुद्ध इस अतिअमानवीय कृत्य हेतु क्या कार्यवाही नहीं होनी चाहिए ! अगर मान लो सिपाही ने अनुशासनहीनता की भी थी तो उत्तराखंड के पुलिस एक्ट या नियमों में कहां लिखा है कि अगर सिपाही अनुशासनहीनता करते हैं तो उनकी जानवरों की तरह पिटाई की जाए थानाध्यक्ष विपिन राणा की तैनाती को थाने में 4 महीने हो गए हैं।

इन 4 महीनों में थानाध्यक्ष रिपोर्ट पर 5 सिपाही लाइन हाजिर किए जा चुके हैं यह वह सिपाही हैं जो काफी लंबे समय से थाने में ड्यूटी कर रहे थे यह भी सोचनीय विषय है। ऐसा क्या हुआ जो थानाध्यक्ष ने आते ही एक के बाद एक पांच सिपाहियों को लाइन हाजिर करवा दिया तथा इससे पहले जब यह थानाध्यक्ष पौड़ी जिले के थाना लक्ष्मण झूला में तैनात रहा उस दौरान भी इसकी शिकायत पर कुछ पुलिसकर्मियों की पहाड़ पर रवानगी की गई गजब का जीरो टॉलरेंस है इस थानेदार का।

अब देखना यह है कि अधिकारी इस अत्यंत गंभीर मामले में क्या कार्रवाई करते हैं !

या इस दबंग दरोगा के सिर पर हाथ रखते हैं इस मामले में मानव अधिकार आयोग उत्तराखंड में भी शिकायत दर्ज करवाई गई है तथा पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड को भी शिकायती पत्र दिया गया है कि जनहित न्याय हित में उच्च स्तरीय जांच के आदेश करने की कृपा करें ताकि थानाध्यक्ष अपने पद का लाभ उठा जाँच प्रभावित ना करवा सकें तथा पुलिस मुख्यालय से भी उपरोक्त प्रकरण से संबंधित एवं अन्य सूचनाएं सूचना के अधिकार के अंतर्गत जनहित में समस्त जानकारियां मांगी गई हैं।