खुलासा

खुलासा: सीएम धामी के विरुद्ध साजिश रचने वालों की जॉच व कार्यवाही हेतु गवर्नर को गई शिकयत पर कार्रवाई की कोई भी सूचना राजभवन कार्यालय में नही

भूपेन्द्र लक्ष्मी

देहरादून से एक सांध्य दैनिक क्राईम स्टोरी नाम से समाचार पत्र प्रकाशित होता हैं, इस समाचार पत्र में दिनाँक- 16अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संबंधित एक बहुत ही गंभीर एवं संवेदनशील समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया गया हैं, जिसकी हैडिंग हैं “आईपीएस अफसरों ने रची सीएम के ख़िलाफ़ साजिश”।

इस समाचार पत्र के प्रमुख संवाददाता द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित इस ख़बर में अंकित किया गया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्ता संभालते ही राज्य के अंदर स्वच्छ प्रशासन देने का ऐलान कर भ्रष्ट अफसरों की नींद उड़ा कर रख दी खटीमा से विधानसभा चुनाव हारे पुष्कर सिंह धामी को भाजपा के ही चंद बड़े-बड़े राजनेता मुख्यमंत्री ना बनने देने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते रहे और चंद आईपीएस अफसर भी पुष्कर सिंह धामी की हार का जश्न मनाते रहे उन्हें इस बात का आभास नहीं था कि भाजपा हाईकमान एक बार फिर पुष्कर सिंह धामी पर बड़ा विश्वास दिखाकर उन्हें राज्य की सत्ता सौंप देंगे। भाजपा के अंदर से ही छनकर आई खबर के अनुसार जिस दिन पुष्कर सिंह धामी का शपथ ग्रहण समारोह था उस दिन 2 आईपीएस अफसरों ने एक कोठी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने ना देने के लिए एक बड़ी साजिश रची इस साजिश का चक्रव्यूह आईपीएस अफसरों ने रात्रि में दी गई चंद अपनों की दावत में रचा।

सीएम को उपचुनाव में हार मिले इसके लिए आईपीएस अफसरों ने एक कांग्रेसी नेता, भाजपा नेता और दावत में आए लगभग आधा दर्जन दरोगाओं के साथ साजिश का ताना-बाना बुना है। ऐसे में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपने उपचुनाव को लेकर ऐसे सभी साजिश कर्ताओं के चेहरे पढ़ने होंगे जो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से महरूम करने का षड्यंत्र पर्दे के पीछे रच रहे हैं।
समाचार पत्र के प्रमुख संवाददाता द्वारा यह लिखा गया है कि “विश्वस्त सूत्रों” से मिली जानकारी के अनुसार पुष्कर सिंह धामी को चंद आईपीएस व सफेदपोशों का एक समूह उन्हें उपचुनाव में किसी भी कीमत पर हराने के गोपनीय मिशन में लगा हुआ है तथा विश्वास सूत्रों का कहना है कि पुष्कर सिंह धामी जब खटीमा से चुनाव हारे थे तो शासन व चंद पुलिस अफसर जश्न मना रहे थे।
इस अत्यंत ही संवेदनशील खबर को पढ़ने के बाद इस संवाददाता ने दिनांक 13/5/2022को राज्यहित जनहित में राज्यपाल उत्तराखण्ड को शिकायत भेज कर निवेदन किया गया कि उपरोक्त समाचार पत्र में हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उपचुनाव में हराने के लिएआईपीएस अफसरों,नेताओं ओर दरोगाओं की साजिश के बारे में जब ख़बर प्रकाशित हुई तब शासन ,पुलिस प्रशासन विजिलेंस आदि विभागों द्वारा इस अत्यंत ही संवेदनशील ख़बर का संज्ञान लेते हुए षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई या नहीं क्योंकि समाचार पत्र के प्रमुख संवाददाता द्वारा खबर में “विश्वस्त सूत्रों” का उल्लेख भी किया गया है। यह मामला स्पष्ट रूप से हमारे राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जुड़ा हुआ है इसलिए राज्यहित जनहित में कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की कृपा कर उपरोक्त समाचार पत्र की इस खबर की सत्यता का पता लगाने हेतु तत्काल ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की कृपा करें क्योंकि अगर यह खबर सत्य है तो बहुत ही घिनौना सत्य हैं।
उपरोक्त शिकायत भेजने के लगभग ढाई माह बाद राज्यपाल द्वारा क्या कार्रवाई की गई की जानकारी जानने हेतु लोक सूचना अधिकारी राजभवन, देहरादून से सूचना के अधिकार के अंतर्गत सूचनाएं मांगी गई कि

सूचना:-

माननीय महामहिम राज्यपाल महोदय को दिनाँक- 13-5-2022 को माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को उपचुनाव में हराने के लिए उनके विरुद्ध आईपीएस अफसरों, नेताओं, पुलिस के दरोगाओं द्वारा षड्यंत्र रचना संबंधी कार्यवाही हेतु एक शिकायती पत्र समाचार की कटिंग के साथ संलग्न कर मेरे द्वारा राजभवन की Email- he-ua@nic in पर अपनी Email- bhupinder.kumar546@gmail. com से भेजा गया था इस शिकायती पत्र के संबंध में निम्नलिखित बिंदुओं की सूचना राज्यहित जनहित में विभागीय प्रमाण सहित उपलब्ध करवाए।

1. यह कि ईमेल प्राप्ति पश्चात शिकायती पत्र को जिस विभागीय रजिस्टर के पृष्ठ में दर्ज किया गया उस पृष्ठ की सत्यप्रतिलिपि उपलब्ध करवाए।
2- यह कि पत्र प्राप्ति पश्चात जिस दिनाँक को माननीय महामहिम राज्यपाल महोदय के समक्ष प्रस्तुत किया गया विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाए।
3- यह कि इस अत्यन्त ही महत्वपूर्ण माननीय मुख्यमंत्री से संबंधित शिकायती पत्र के संबंध में की गयी सम्पूर्ण कार्यवाही की विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाये।
4- यह कि शिकायती पत्र के संबंध में कार्यवाही हेतु जिस विभाग को निर्देशित किया गया विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाये।
5- यह कि बिंदु संख्या 4 के अनुसार संबंधित विभाग द्वारा कार्यवाही पश्चात आदेश अनुपालन के संबंध में राजभवन को भेजे गए पत्र आदि की विभागीय प्रमाण सहित सूचना उपलब्ध करवाये।


राजभवन कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने सूचना उपलब्ध करवाने की समय अवधि 30 दिन के पश्चात सूचनाएं उपलब्ध ना करवाते हुए उत्तर दिया गया कि “सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत जो सूचना लोक प्राधिकारी की अभिरक्षा अथवा उसके नियंत्रण में है वहीं सूचना अनुरोधकर्ता को उपलब्ध कराई जाती है”।
“आपके द्वारा सूचना अनुरोध पत्र में उल्लेखित पत्र दिनांक 13/5/2022 के संबंध में कृत्य कार्रवाई की कोई सूचना धारित नहीं है”।

बड़ा सवाल यह है कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उपचुनाव में हराने के लिए उनके विरुद्ध आईपीएस अफसरों, नेताओं, पुलिस के दरोगाओं द्वारा षड्यंत्र रचने संबंधी कार्यवाही हेतु शिकायती पत्र समाचार की कटिंग के साथ संलग्न कर राज्यपाल को कार्यवाही एवम् उच्च स्तरीय जॉच हेतु राजभवन की Email- पर भेजा था,तो क्या इतनी गंभीर, संवेदनशील शिकायत जो स्पष्ट रूप से मुख्य्मंत्री के विरुद्ध षड्यंत्र रचने संबंधी समाचार पत्र में प्रकाशित खबर से है को क्या शिकायत को राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत नही किया गया तथा मुख्यमंत्री उत्तराखंड से जुड़ी इतनी गंभीर शिकायत को अनदेखा कर दिया गया ।इस अत्यंत गंभीर और संवेदनशील प्रकरण में प्रथम अपील योजित की जा रही है।

जल्द ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विरुद्ध गंभीर टिप्पणी करने वाले भाजपा नेता का खुलासा