खुलासा

देहरादून:लूट की घटना पर अधिकारीयों और मीडिया को जानबूझकर गुमराह करने वाला थानेदार

लूट की घटना पर अधिकारीयों और मीडिया को जानबूझकर गुमराह करने वाला थानेदार

देहरादून के थाना नेहरु कालोनी में वृद्धा के गले से चैन लुटने का मुक़दमा घटना के 12 वे दिन दर्ज करना और थानाध्यक्ष नेहरू कॉलोनी देहरादून लोकेंद्र बहुगुणा द्वारा मीडिया में असत्य बयान देना की पीड़ित पक्ष ने 12 दिन बाद थाने में तहरीर दी है, जिसके बाद तत्काल मुकदमा दर्ज किया गया जबकि पीड़िता के पति बिरजा सिंह के थाने के अनेकों चक्कर काटने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, और जब अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला लाया गया तब जाकर मुकदमा दर्ज किया गया। जिस तरह चैन लूटने की घटना को घोर लापरवाही बरत 12 दिन बाद दर्ज किया गया है उसी तरह इस मामले की विवेचना में भी लापरवाही बरती जा सकती है।

देहरादून के नेहरु कालोनी निवासी पीड़िता के पति बिरजा सिंह द्वारा पुलिस चौकी फव्वारा चौक थाना नेहरु कालोनी में दिनाँक 26.07.2023 को तहरीर दी गई कि मेरी पत्नी शकुंतला देवी उम्र 66 वर्ष सुबह लगभग 05:30 बजे टहलकर आने के पश्चात् बरामदे में बैठकर हाथ-पैर धो रही थी, अचानक एक आदमी जो लगभग 30-35 वर्ष का दुबला पतला था, तथा मुहँ पर गमछा लपेटे हुए था, मेरी पत्नी शकुन्तला देवी के गले पर झपट्टा मारकर सोने की कंठी को बलपूर्वक छीन कर भाग गया, जिस पर अचानक मेरो पत्नी ने शोर भी मचाया तथा उस आदमी के पीछे भी भागी किन्तु वह आदमी भाग गया।आपसे अनुरोध है. शिकायत को दर्ज कर लिया जाए, तथा शीघ्र ही उस झपटमार का पता लगाया जाए। जिससे हमारी वस्तु (सोने की कंठी) हमें वापस मिल सके।

यह कि घटना के एक दिन बाद दिनांक 27.07.2023 को पीड़ित के पति बिरजा सिंह को तहरीर की प्राप्ति दी गई।

चैन लुटने के 10 दिन तक पीड़िता का पति बिरजा सिंह थाना नेहरू कॉलोनी के चक्कर काटता रहा परंतु मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद पीड़ित बिरजा सिंह ने इस संवाददाता को बताया कि अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है इसके बाद इस संवाददाता द्वारा दिनांक 04/8/2023 को पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला लाया गया और अधिकारियों के संज्ञान में लाने के दो दिन बाद दिनांक 06/8/2023 को इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया।

मुकदमा दर्ज होने के दो दिन बाद एक समाचार पत्र में पढ़ा कि थाना नेहरू कॉलोनी देहरादून के थानाध्यक्ष लोकेंद्र बहुगुणा ने मीडिया को अपना बयान दिया है कि पीड़ित पक्ष ने चेन लुटने के 12 दिन बाद घटना की तहरीर थाने में दी है इसके बाद तत्काल मुकदमा दर्ज किया गया।

जबकि थानाध्यक्ष लोकेंद्र बहुगुणा ने यह बिल्कुल असत्य कहा है कि पीड़ित पक्ष ने चेन लुटने के 12 दिन बाद घटना की तहरीर थाने में दी है क्योंकि पीड़िता के पति बिरजा सिंह ने दिनांक 26/7/2023 को पुलिस चौकी फव्वारा चौक में तहरीर दी थी और अगले दिन दिनांक 27/7/2023 को पीड़ित को तहरीर की प्राप्ति दी गई थी।

इस संवाददाता ने इस मामले में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि तहरीर देने के बावजूद चेन लूटने की घटना को 12 दिन बाद दर्ज करना और थानाध्यक्ष लोकेंद्र बहुगुणा द्वारा मीडिया में झूठा बयान देकर अधिकारीयों आदि सबको गुमराह करना कि पीड़ित पक्ष द्वारा 12 दिन बाद तहरीर दी गई है कृप्या कर न्यायहित जनहित में तत्काल पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने हेतु मुकदमे से संबंधित विवेचना को तलब करने की कृपा करें, क्योंकि उसमें भी लापरवाही बरती जा सकती है,साथ ही दोषियों के विरुद्ध जांच एवं कार्यवाही के आदेश करने की कृपा करें क्योंकि यह बहुत ही बड़ी लापरवाही है क्या पता इसी तरह कई अन्य अनेकों पीड़ितों के मानवाधिकारों का भी उल्लंघन किया जा रहा हो इसलिए तत्काल कार्यवाही करने की कृपा करें।

आयोग द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल डबल बेंच द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई की गई और आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट एवं सदस्य जस्टिस गिरधर सिंह धर्मशक्तू द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को नोटिस जारी कर सुनवाई की आगामी तिथि से पूर्व संबंधित प्रकरण की रिपोर्ट तलब की गई है।

साथ ही चैन लूट की घटना हुए आज दो महीने से ऊपर हो गए है और मुकदमा दर्ज हुए 50 दिन परन्तु मुकदमें के विवेचक ने मुक़दमा दर्ज होने के बाद से ही पीड़ित दंपति से संपर्क नहीं किया है और पीड़ित दंपति न्याय की गुहार लगा रहा है। बड़ा सवाल यह भी है कि ऐसी घोर लापरवाही बरतने वाले थानेदार के विरूद्ध आखिर कब होगी जांच और कार्यवाही।