खुलासा

बायोमेट्रिक मशीन होने के कारण हमारे पास नहीं है अधिकारियों कर्मचारियों का विवरण:MDDA

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यसचिव इंदु कुमार पाण्डे द्वारा दिनांक 30 जून 2009 को कार्यालय में समय से उपस्थिति से संबंधित शासनादेश जारी किया गया था उस शासनादेश में महीने में 01 दिन देर से आने पर मौखिक चेतावनी/ महीने में 02 दिन देर से आने पर लिखित चेतावनी/ महीने में 03 दिन देर से आने पर एक दिन का आकस्मिक अवकाश काटा जाना तथा महीने में 04 दिन या इससे अधिक दिन देर से आने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने संबंधी आदेश जारी किए थे।

साथ ही फील्ड स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों के क्षेत्र भ्रमण का विवरण एवं रजिस्टर जिसे “क्षेत्र भ्रमण रजिस्टर” कहा जाएगा में रखा जाए संबंधी आदेश जारी किए गए,और क्षेत्र भ्रमण रजिस्टर प्रदेश के प्रत्येक कार्यालय में अनिवार्य रूप से रखा जाएगा और क्षेत्र भ्रमण पर जाने वाले समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अनिवार्य रूप से भरा जाएगा। यदि व्यक्तिगत कार्य से कोई अधिकारी/कर्मचारी कार्यालय से बाहर जाता है तो उसके लिए भी क्षेत्र भ्रमण रजिस्टर में प्रविष्टि अंकित किया जाना अनिवार्य होगा तथा इसी प्रकार का रजिस्टर विभिन्न बैठकों में प्रतिभाग करने वाले अधिकारियों द्वारा भी भरा जाएगा।

साथ ही सभी अधिकारी/कर्मचारी कार्यालय के लिए निर्धारित समय का पालन करें और जो अधिकारी/कर्मचारी इसमें ढिलाई दिखाएं उनके विरूद्ध उपरोक्त अनुसार कार्यवाही की जाए। प्रत्येक पक्ष में जिलाधिकारी द्वारा इस संबंध में एक तथ्यपरक, सारगर्भिव रिपोर्ट अपने मंतव्य सहित प्रमुख सचिव माननीय मुख्यमंत्री को प्रेषित की जाएगी 

इन आदेशों का कड़ाई से अनुपालन करवाने हेतु अपर मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन/समस्त प्रमुख सचिव/सचिव उत्तराखंड शासन/मंडल आयुक्त गढ़वाल,कुमाऊं, पौड़ी,नैनीताल समस्त जिलाधिकारी उत्तराखंड समस्त विभागाध्यक्ष/कार्यालय अध्यक्ष को भेजे गए थे।

इस शासनादेश की प्रतिलिपि सूचनार्थ सचिव श्री राज्यपाल,उत्तराखंड/सचिव विधानसभा उत्तराखंड/सचिवालय के समस्त अनुभाग गार्ड बुक को भी प्रेषित की गई थी।

दिनांक 01/7/2023 को लोक सूचना अधिकारी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण कार्यालय देहरादून से उपरोक्त कार्यालय में समय से उपस्थिति शासनादेश से संबंधित सूचना राज्यहित जनहित में विभागीय प्रमाण सहित मांगी गई:-

मांगी गई सूचना:-

 

सूचना उत्तर:-

 

लोक सूचना अधिकारी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण कार्यालय देहरादून द्वारा दिनाँक 18 जुलाई 2023 को सूचना उपलब्ध करवाई गई कि सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के अन्तर्गत प्रस्तुत अपने आवेदन पत्र दिनांक 06-7-2023 के साथ संलग्न शासनादेश दिनांक 30-6-2009 का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें । जिसमें आप द्वारा 07 बिन्दुओं पर सूचना चाही गयी है । आप द्वारा चाही गयी सूचना का विवरण निम्नवत् है:- 

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, ट्रान्सपोर्टनगर, सहारनपुर रोड, देहरादून के अन्तर्गत स्थित कार्यालय का नाम निम्नानुसार हैं-

ए- मसूरी कैम्प कार्यालय, लण्डौर बाजार, देहरादून । बी- ऋषिकेश कैम्प कार्यालय, ऋषिकेश। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के कार्यालय अध्यक्ष का नाम- उपाध्यक्ष, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण है।

कार्यरत कर्मचारियों की उपस्थिति हेतु बायोमैट्रिक मशीन उपलब्ध होने के कारण एक दिन/दो दिन/तीन दिन/चार दिन देर से आने या इससे अधिक देर से आने का विवरण धारित नहीं है।

6- बिन्दु संख्या-06 के सम्बन्ध में सूचित करना है कि क्षेत्र भ्रमण रजिस्टर संकलित /संरक्षित नहीं है।

7- बिन्दु संख्या-07 के सम्बन्ध में सूचित करना है कि प्राधिकरण में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध दिनांक 01-4-2023 से 30-6-2023 तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है ।

पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे द्वारा अत्यंत जनहित राज्यहित में जारी किए गए शासनादेश का मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण कार्यालय देहरादून द्वारा पूर्ण तरीके से उल्लंघन किया जा रहा है और कौन है इसके लिए जिम्मेदार हैं ?

लोक सूचना अधिकारी ने सूचना उपलब्ध नहीं करवाने की मंशा से सूचनाएं उपलब्ध नहीं करवाई है। 

जबकि ‘फिंगरप्रिंट स्कैनर एक ऐसी बायोमेट्रिक मशीन है, जो उस व्यक्ति के हाथ की उँगलियों में बनी लाइनों को स्कैन करनें का कार्य करता है| यह डिवाइस स्कैन करनें के बाद उन्हें एक यूनिक कोड में परिवर्तित करनें के बाद उन्हें अपनें डेटाबेस में स्टोर कर लेती है’। इसलिए सूचना अवश्य ही उपलब्ध होनी चाहिए परन्तु जनबूझकर उपलब्ध नहीं करवाई गई है।

ऐसा प्रतीत होता है इस शासनादेश से अधिकारियों/कर्मचारियों को अपने कार्यालय में समय से आने की बाध्यता हो जाती और कार्यालय में देर से या बिना हाजिरी माफी दिए ना आने वालों ने ही इस अत्यंत ही राज्यहित जनहित के शासनादेश पर अड़ंगा लगवाया होगा, क्योंकि कार्यालय देरी से आने या मनमर्जी से जाने पर कार्यवाही भी नही होनी चाहिए और वेतन भी पूरा चाहिए। ऑफिस में जब भी अपनी मर्जी हो आए या जब भी अपनी मर्जी हो ऑफिस से जाए।

यह पार्ट Three है जल्दी अन्य कई विभागों का राज्यहित, जनहित में खुलासा किया जाएगा जहां इस अत्यंत ही राज्यहित जनहित के शासनादेश का पूर्णतया रूप से उल्लंघन कर राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।