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देहरादून निवासी आकाश यादव आदि द्वारा दायर याचिका में स्कूल फीस पर उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब ओर दिए अहम निर्देश

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने लॉक डाउन के दौरान निजी और सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से फीस वसूली पर दायर जनहित याचिका में सरकार से पूछा है कि क्या वो एल.के.जी.और यू.के.जी.के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं, कितने प्रतिशत बच्चे ऑन लाइन पढ़ रहे है और प्रदेश में कितने स्कूल ये सुविधा दे रहे है ?


मुख्य न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन तथा न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे की खंडपीठ ने निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से ऑनलाइन और मैसेज के माध्यम से पढ़ाई पर फीस वसूली के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की गयी। खण्डपीठ ने राज्य सरकार से शिक्षा अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने के आदेश दिए हैं, तांकि अभिभावक जबरन फीस की मांग कर रहे स्कूलों के खिलाफ अपनी शिकायत नोडल अधिकारी को दर्ज करा सकें। मामले की सुनवाई के लिए न्यायालय ने 2 सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी आकाश यादव आदि ने जनहित याचिका दायर कर कहा है निजी और सरकारी स्कूलों में स्थिति सामान्य होने के बाद ही अभिभावकों से ट्यूशन फीस की मांग की जाए। साथ ही ट्यूशन फीस के नाम पर अन्य कोई शुल्क ना लिया जाए और अगले सत्र में फीस में किसी तरह की वृद्धि नही की जाए। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि कक्षा 5 तक के बच्चों से किसी तरह का कोई शुल्क न लिया जाए।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए दो सप्ताह बाद सुनवाई करने के लिए कहा है ।