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धामी सरकार की कैबिनेट के 28 महत्वपूर्ण फैंसले, बाहर की दवाएं लिखने वाले डॉक्टरों को देना होगा लिखित स्पष्टीकरण

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

धामी सरकार की कैबिनेट के 28 महत्वपूर्ण फैंसले

कैबिनेट बैठक में 28 मामलों पर हुई मंत्रिमंडल के सदस्यों की चर्चा

पूर्व सैनिकों को सातवे पे कमीशन का लाभ दिए जाने पर लगी मोहर।

1 सप्ताह के भीतर निकाला जाएगा 7-वें पे कमीशन का लाभ दिए जाने का हल।

नजूल नीति में जमा पैसों के अनुसार लोगों को मिल सकेगा मालिकाना हक,नीति में संशोधन।

लंबे समय से निकले हुए 24 लोगों को सर्किल रेट के अनुसार मिलेगा मालिकाना हक।

सभी अस्पतालों में अब सरकार की ओर से मिलेगी मुफ्त दवाएं।

बाहर की दवाएं लिखने वाले डॉक्टर को देना होगा लिखित स्पष्टीकरण।

पॉलिटेक्निक सेंट्रो में संविदा कर्मियों का किया जाएगा नियमितीकरण।

अब अतिथि शिक्षकों को मूल जनपदों में दी जाएगी तैनाती।

GMVN के सीएम आवास में तैनात 9 कर्मचारियों का समायोजन का लिया गया निर्णय।

कोविड-19 में किए गए कर्मचारियों को 31 मार्च तक तैनाती दिए जाने का निर्देश।

मृतक आश्रितों में अब पौत्र पौत्री को शामिल किया गया।

देवस्थानम बोर्ड हुआ भंग विधानसभा के पटल पर आएगा प्रस्ताव।

परिवहन विभाग के 24 कर्मचारियों को अन्य विभागों में समायोजित करने का निर्णय।

कोविड में कॉर्बेट में बुकिंग के दौरान रिफंड व्यवस्था को मिली मंजूरी विभागीय स्तर पर अब होगी रिफंड की नियमावली तैयार।

One Reply to “धामी सरकार की कैबिनेट के 28 महत्वपूर्ण फैंसले, बाहर की दवाएं लिखने वाले डॉक्टरों को देना होगा लिखित स्पष्टीकरण

  1. बहुत अच्छा निर्णय ले रही है यह सरकार , लेकिन एक एक कर के हर सेक्टर में कुछ निर्णय ऐसे लेने होंगे जिस से कि आम आदमी के जीवन पर सीधा प्रभाव पड़े तथा प्रदेश की प्रगति वास्तव में होनी शुरू हो जाय जैसे कि:
    1. प्रदेश के हर छोटे या बड़े सहर में प्रत्येक पक्की सड़क के ऊपर जो परमानेंट एवम टेंपरेरी encroachment है उसे हटा दिया जाय एवम हर सड़क पर फुटपाथ बना दिए जाय। ( सड़क की पूरी चौड़ाई नाप कर खाली करने में क्या तकलीफ है?)
    2. बिना किसी दबाव के सड़कों पर कूड़ा डालने वालों तथा ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन करने वाले या सड़क पर पार्किंग करने वाले व्यक्ति पर चाहे कोई भी हो भारी जुर्माना तथा विवाद करने पर कैद कर लिया जाय।
    3. सरकारी कार्यालयों में रोज के रोज हर प्राप्त एप्लीकेशन या फाइल या दस्तावेज का निस्तारण करने के बाद ही संबंधी कर्मी या अधिकारी घर जायेगा ऐसा सुनिश्चित किया जाए तथा निस्तारण न होने पर तीन बार नोटिस देने के उपरांत सेवाएं समाप्त करने की कार्यवाही प्रारंभ जी जाय ताकि जगह खाली हो और बेरोजगारों को नौकरी मिले। यदि नियम नए बनाने हों तो सरकार अविलब बनाए जो उसका काम है।
    4. IAS अधिकारियों की खुफिया तरीके से निगरानी की जाय और ये देखा जाय की यदि उनके पास एक से ज्यादा चार्ज है तो वे केवल एक ही सरकारी गाड़ी का प्रयोग करें वह भी करते दफ्तर आने जाने या अन्य सरकारी जारी जे लिए। इनकी गाड़ियों की लोग बुक की निरंतर सतर्कता विभाग जांच करे।
    5. इसी तरह की व्यवस्था मंत्रियों पर भी की जाय ताकि वे भी कोई दुर्पयोग सत्ता का न कर पाएं।
    5. देहरादून नगर की प्लांड कॉलोनी में लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण जो कि जाली या ग्रिल से घर के सामने किया गया है को अविलंब बिना नोटिस तोड़ दिया जाय और मलवा हटाने के पैसे उन से वसूल किए जाएं।

    याद रहे सरकारें इकबाल से चलती हैं और अपीजमेंट तथा राजनैतिक भ्रष्टाचार से नही, बी जे पी को जनता इसी लिए पाई थी की यह पार्टी एक भ्रष्टाचार मुक्त व अनुशासित उत्तराखंड का निर्माण करने में समर्थ है एवम इस लिए नहीं कि ये पार्टी भ्रष्ट राजनीतिज्ञों को शरण देकर कांग्रेस का और भी एडवांस बिगड़ा रूप बन जाय और मेरिट को छोड़ कर जाति, दल बदल, परिवार वाद, संकुचित मानसिकता के अयोग्य नेताओं को आगे प्रोत्साहित करे।

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