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पीपीपी मोड के खिलाफ कल से उक्रांद का आमरण अनशन

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

पीपीपी मोड के खिलाफ कल से उक्रांद का आमरण अनशन
उत्तराखंड क्रांति दल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला को पीपीपी मोड में दिए जाने के खिलाफ चल रहे कर्मिक अनशन को आमरण अनशन में बदलने का फैसला कर लिया है।

आंदोलन के आठवें दिन उत्तराखंड क्रांति दल की नगर संगठन मंत्री शशि बाला और नगर उपाध्यक्ष भावना मैठाणी क्रमिक अनशन पर बैठी। 

उत्तराखंड क्रांति दल के विधानसभा प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने बताया कि आंदोलन अगले चरण में आमरण अनशन किया जाएगा। 

उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव केंद्रपाल सिंह तोपवाल आमरण अनशन शुरू करेंगे।

क्रमिक अनशन पर बैठे शशि बाला और भावना मैठाणी ने बताया कि अस्पताल में छोटी-छोटी बीमारी के इलाज के लिए आने वाले मरीज को भी रेफर कर दिया जाता है। उन्होंने आक्रोश जताया कि यह अस्पताल मात्र एक रेफरल सेंटर बनकर रह गया है।

धरना स्थल पर लगातार अपना समर्थन दे रहे समाजसेवी रामेश्वर पांडे ने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला पिछले 5 वर्षों से हिमालयन अस्पताल के ट्रेनी डॉक्टरों की प्रयोगशाला बना हुआ है और इलाज करने के बजाए आम आदमी के साथ गिनी पिग की तरह प्रयोग किए जा रहे हैं।

उत्तराखंड क्रांति दल डोईवाला की जिला कमेटी ने आमरण अनशन पर बैठने के लिए केंद्रपाल सिंह तोपवाल के नाम की घोषणा करते हुए बताया कि अब सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निजी अस्पताल से अनुबंध निरस्त होने के बाद ही आंदोलन संपन्न किया जाएगा।

आंदोलन के नौवें दिन उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव केंद्रपाल सिंह तोपवाल, जिला अध्यक्ष संजय डोभाल, राकेश तोपवाल, जगदंबा प्रसाद भट्ट, निर्मला भट्ट, सरिता गुसाईं, रमेश तोपवाल, हर्ष रावत, शिवम पाल, प्रमोद डोभाल, शशिधर वेदवाल, सबल सिंह कुमाई, महेंद्र सिंह, रंजीत रावत आदि दर्जनों लोग आंदोलन मे शामिल थे।

One Reply to “पीपीपी मोड के खिलाफ कल से उक्रांद का आमरण अनशन

  1. सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने, उनकी और मजबूत बनाने के बदले आर्थिक तंगी से गुजरती राज्य सरकार द्वारा वर्ल्ड बैंक परियोजनाओं के तहत आंख मूंद कर वर्ल्ड बैंक द्वारा स्वास्थ्य विभाग के निजीकरण करने की जो परवान चढ़ी है उसके भयानक परिणाम सामने आ रहें हैं और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता तथा गरीबों के प्रति समर्पण भाव सांप हो रहें हैं।
    सभी राजनीतिक दलों को राज्य में इस तरह के सारे पीपीपी प्रोजेक्ट बंद किए जाने के लिए एवम सरकारी स्वास्थ्य सिस्टम को तत्काल सुधारने हेतु इस आंदोलन से जुड़ना होगा अन्यथा इस राज्य की गरीब जनता आनेवाले समय में पूरी तरह से उजड़ जायेगे।

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