एक्सक्लूसिव

देहरादून: श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में असामान्य दिल की धड़कन के मरीजों का सफल प्रोसीज़र

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में असामान्य
दिल की धड़कन के मरीजों का सफल प्रोसीज़र
 सीआरटीडी विद एलबीबी पेसिंग तकनीक से हार्ट पेशेंट का हुआ उपचार
 इलैक्ट्रोफिज़िसयोलॉजी टेस्टिंग- आर.एफ.ए. से तेज़ धड़कन (पी.एस.वी.टी.) के मरीजों को इलाज
देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में हाईटैक पेसमेकर लगाकर ह्दय रोगियों को उपचार किया गया। सीआरटीडी विद एलबीबी पेसिंग तकनीक व इलैक्ट्रोफिज़िसयोलॉजी टेस्टिंग- आरएफ एबलेशन दिल के उपचार के अत्याधुनिक प्रोसीजर हैं। इसके अन्तर्गत असामान्य दिल की धड़कन के मरीजों को सीआरटीडी विद एलबीबी पेसिंग तकनीक से हाईटैक पेसमेकर लगाकर उपचार दिया गया। इस प्रोसीजर से मरीज़ की असामान्य दिल की धड़कन का उपचार कर सामान्य किये जाने का कार्य किया जाता है। यह जानकारी श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के कैथ लैब डायरेक्टर डॉ तनुज भाटिया, डीएम कॉर्डियोलॉजी ने दी।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की कैथ लैब में मेडिकल प्रोसीजर कार्यशाला का आयोजन किया गया। मेडिकल प्रोसीजर कार्यशाला के दौरान डॉ तनुज भाटिया व उनकी टीम ने 4 जटिल ह्दय रोगियों को अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित अति विशेष प्रोसीजर किये। सुबह 9 बजे शुरू हुई कार्यशाला में शाम 7 बजे तक प्रोसीजर किये गए। प्रोसीजर के बाद सभी मरीज़ डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं।
इलैक्ट्रोफिज़िसयोलॉजी टेस्टिंग- आरएफ एबलेशन तकनीक हार्ट पेशेंट्स के उपचार की एक एडवांस तकनीक है। इस तकनीक की मदद से हार्ट पेशेंट्स में भविष्य में पेस मेकर लगने की सम्भावना को जॉचा जाता है। यदि इस प्रोसीज़र के परिणाम मरीज़ में पेसमेकर लगने का संकेत देते हैं तो हार्ट विशेषज्ञ समय रहते उपचार शुरू कर सकते हैं। इलैक्ट्रोफिज़िसयोलॉजी टेस्टिंग- आरएफ एबलेशन तकनीक के परिणाम मरीज़ को भविष्य में लगने वाली पेसमेकर की सम्भावना से बचाने में विशेष मददगार साबित हुए हैं।
ऐसे मरीज़ जिन्हें असामान्य दिल की धड़कन सम्बन्धित परेशानी है, उन्हें डॉक्टरी परामर्श लेना चाहिए। लापरवाही या विलम्बर से उपचार घातक साबित हो सकता है। ऐसे मरीज़ डायलेटेड कॉर्डियोमाइपैथी के भी शिकार हो सकते हैं। इसके कारण अचानक ह्दय की असंतुलित धड़कन का शिकार होकर वे अपना जीवन खो सकते हैं। दीपावली से पूर्व 2 नवम्बर से पूर्व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ह्दय रोग विभाग में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें हार्ट फेलियर के मरीजों की हार्ट की पंपिंग बेहतर करने के लिए उपकरण लगाए गए। (सीआरटी-डी कार्डियक रिसिंक्रोनाइजेशन थेरेपी) एवम् आकस्मात धड़कन खराब होकर मृत्यु से पूर्व मरीजों को झटका देकर ह्दय की गति को नियंत्रित करने (एआईसीडी उपकरण लगाकर) एवम् नवीन तकनीक जैसे एलबीबी पेसिंग के साथ इसमें शामिल करके बेहतर परिणाम प्राप्त कर उस उद्देश्य से किया गया। यह एक एलबीबी पेसिंग तकनीक पेसमेकर की एडवासंमेंट में विश्वस्तरीय रूप में बेहतर साबित हुआ है एवम् इसके अलावा इलैक्ट्रोफिजियोलॉजी टैस्टिंग कर मरीजों की धड़कन की जॉच करने के बाद विभिन्न प्रकार की अनयिमित धड़कन वाली बीमारी जैसे आर्टियल फिब्रेलेशन, दूसरा एवीएनआरटी तीसरा एवीआरटी जैसे जटिल बीमारी का मूल्यांकन करके रेडियो एब्लेशन द्वारा पूर्णं रूप से इलाज किया गया है। इन प्रोसीजर से मरीज़ की दवा की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। और वह प्रोसीजर के बाद अपनी ह्दय की धड़कन की बीमारी का पूर्णं रूप से बिना कोई दवाई खाए या काई विशेष परहेज़ किए सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है।