एक्सक्लूसिव

न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट द्वारा हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के विरुद्ध लापरवाहों पर एफआईआर दर्ज करवाने की चेतावनी

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

प्रार्थिनी नईमा ने मानव अधिकार आयोग उत्तराखंड में शिकायत दर्ज करवाई की उसने वर्ष 2016 में अरिहंत कॉलेज हरिद्वार में दाखिला लिया था और उसने जब प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा दी और परीक्षाफल आया तो उस पर सत्र 2015-17 लिखा आया तब प्रार्थी ने कॉलेज प्रबंधन से मौखिक में बोला कि इस पर 2015-17 लिखा आया है, तो कॉलेज प्रबंधन ने नईमा को बताया कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर उत्तराखंड यूनिवर्सिटी से टेक्निकल गलती से 2015-17 लिखा आया है अगली बार ठीक हो जाएगा। ऐसे ही सभी सेमेस्टरों में परीक्षा फल पर 2015-17 लिखा आया है। इस संबंध में प्रार्थनी ने फिर कॉलेज प्रबंधन से अनुरोध किया कि इसको आप सही कराओ तो कॉलेज की तरफ से जवाब आया कि मार्कशीट में ठीक हो कर आ जाएगा। कुछ दिनों बाद प्रार्थिनी ने फिर कॉलेज प्रबंधन को बोला कि अभी तक उसकी एम.एड. की मार्कशीट नहीं आई है और कॉलेज प्रबंधन बोल रहा है कि यूनिवर्सिटी से सत्र गलत डाल दिया है। सही होने गया हुआ है, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी मार्कशीट नहीं मिल पाई है। प्रार्थनी द्वारा प्रार्थना की गई कि उचित कार्यवाही कर इस संबंध में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर उत्तराखंड से मार्कशीट प्रदान करवाने की कृपा करें।
इस प्रकरण में संज्ञान लेते हुए आयोग द्वारा दिनांक 19-4-2021 को रजिस्ट्रार हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल को नोटिस जारी कर आख्या दाखिल करने हेतु निर्देशित किया गया था।
नियत तिथि पर आख्या दाखिल न करने पर आयोग द्वारा रजिस्ट्रार पर बहुत ही तल्ख टिप्पणी करते हुए लिखा है कि रजिस्ट्रार हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर ने इतना भी कष्ट नहीं किया कि वह आयोग के समक्ष पत्र प्रस्तुत कर सकें।
सहायक कुलसचिव (परीक्षा) द्वारा एक पत्र दिनांक 12-7-2021 को आयोग में प्राप्त करवाया गया है। जिसमें अवगत कराया है कि इस प्रकरण में कार्यवाही हेतु पत्रावली उच्च अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की जा चुकी है जिस पर विश्वविद्यालय अधिकारियों द्वारा निर्णय लिया जा रहा है। अतः विश्वविद्यालय अधिकारियों द्वारा इस प्रकरण में निर्णय होने के उपरांत ही अतिरिक्त कार्यवाही की जाएगी।
मानव अधिकार आयोग उत्तराखंड के अध्यक्ष मुख्य न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि प्रस्तुत प्रकरण में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल की ओर से घोर लापरवाही की गई है जिसकी वजह से प्रार्थिनी अपनी एम.एड.डिग्री का लाभ नहीं ले पा रही है, साथ ही उसको मानसिक उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ रहा है।


न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट द्वारा आदेश किया गया कि इससे पहले कि आयोग इस संबंध में कड़ी कार्यवाही के लिए संस्तुति करें, शिकायत की प्रति एवं इस आदेश की प्रति उप कुलपति (कुलपति)हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय को प्रेषित की जाए कि वह इस प्रकरण में अपनी आख्या आयोग के समक्ष दाखिल करें। वह यह भी बताएं कि क्यों न विश्वविद्यालय के विरुद्ध इस प्रकरण में भा.द. प्र.सं. के अंतर्गत संबंधित धारा में लापरवाही करने वालों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करवाने की संस्तुति की जाए तथा मुआवजे की भी संस्तुति की जाए।


इस अत्यंत की गंभीर प्रकरण में आदेश की प्रति कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल को ई-मेल तथा रजिस्टर्ड डाक से भेजने हेतु आदेश किए गए तथा सुनाई हेतु 9 सितंबर 2021 नियत की गई है।

One Reply to “न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट द्वारा हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के विरुद्ध लापरवाहों पर एफआईआर दर्ज करवाने की चेतावनी

  1. The only way to improve Governance in total and for rapid development of state and country, we require such concerned Judges,high officials and also politician in power who can crush and punish the resoonsible persons and people , who are delaying justice and services to a common man. THIS IS THE HIGH TIME THAT EVERY OFFICIAL OR PERSON PAID BY PUBLIC MONEY MUST SERVE A COMMON MAN WITH UNTIRING HARD WORK as they are paid suffeciently by the people of this country.
    This is also aplicable to the politician in power, what ever level they may be as they are also reaping benefits of public money.
    GOVERNMENTS SHOULD focuss much on the radical improvement in the system than the private sector buisness done legally by private enterpreneurs creating wealth for the country.

    THE prime minister and msny top functionaries have started working in this direction but down the line in the system persons responsible for bringing thr paradigm change and sustaining them are not much concerned to nationalism and development and not functioning optimally,resolving millons of such patty matters of cotizen keeping them pending.

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