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अवैध रूप से गैस रिफलिंग कर ब्लैक मार्केटिंग मामले में डीएसओ देहरादून को सम्मन

अवैध रूप से गैस रिफलिंग कर ब्लैक मार्केटिंग मामले में डीएसओ देहरादून को सम्मन जारी 

इस संवाददाता द्वारा गैस कंपनी के कर्मचारियों और अन्य लोगों द्वारा गैस सिलेडरों को घर में रिफिल कर लोगों की जान खतरे में डालना तथा रिफिल किए गए सिलेंडरों को लोगों को ब्लैक में सप्लाई करने के सम्बन्ध में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग द्वारा आदेश जारी किए गए कि शिकायतकर्ता द्वारा गैस कंपनी के कर्मचारियों और अन्य लोगों द्वारा गैस सिलेडरों को घर में रिफिल कर लोगों की जान खतरे में डालना तथा रिफिल किए गए सिलेंडरों को लोगों को ब्लैक में सप्लाई करने के सम्बन्ध में शिकायती पत्र प्रस्तुत किया गया है।

शिकायत की प्रति जिलापूर्ति अधिकारी, देहरादून को भेज दी जाए कि वह शिकायती पत्र में दिए गए कथनों पर अपनी आख्या चार सप्ताह के अन्दर दाखिल करें।

आयोग के नोटिस पश्चात् पूर्व जिलापूर्ति अधिकारी द्वारा लीपापोती भरा जवाब दिया गया कि अब कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। 

इस संवाददाता द्वारा पुन: अपना एक और जवाब आयोग में दाखिल किया गया कि मानवाधिकार आयोग के आदेशों के बाद भी जिलापूर्ति विभाग की घोर लापरवाही से क्षेत्र में अभी भी खुलेआम अवैध रिफिलिंग हो रही है जिस कारण कभी भी कोई बड़ी दुघर्टना हो सकती है।

दो-दो जिलापूर्ति अधिकारीयों के ट्रांसफर हो गए परन्तु किसी ने भी गंभीरतापूर्व इस अत्यन्त ही संवेदनशील मामले में कोई कार्यवाही नहीं की इसी कारण क्षेत्र में अभी भी खुलेआम अवैध रिफिलिंग हो रही है और जिलापूर्ति विभाग देहरादून की घोर लापरवाही के कारण कभी भी बड़ी दुघर्टना हो सकती है इसलिए व्यापक जनहित में इस संबंध में कड़ी कार्यवाही हेतु निर्देशित करने कि कृपा कर समस्त मामले की रिपोर्ट तलब करने की कृपा करें क्योंकि इतने गम्भीर मामले में मानवाधिकार आयोग के आदेशों के बाद भी गंभीरतापूर्वक कार्यवाही ना करना एक तरह से दोषियों को बचाने की कोशिश करना प्रतीत होता है।

आयोग द्वारा मामले को स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़ा हुआ मानते हुए पुन: जिलापूर्ति अधिकारी से जवाब मांगा गया परंतु वर्तमान जिला पूर्ति अधिकारी को पहले वाले जिला पूर्ति अधिकारी से भी कई कदम आगे निकल गए क्योंकि पहले वाले जिलापूर्ति अधिकारी ने तो लीपापोती भरा जवाब दिया था परंतु वर्तमान जिलापूर्ति अधिकारी ने आयोग के नोटिस को लेने से ही इनकार कर दिया जिस पर आयोग द्वारा आदेश जारी किए गए कि,

जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा आख्या प्रेषित नहीं की गई है और आयोग के नोटिस में अंकित करते हुए कि “लेने से इनकार” वापस आयोग को प्राप्त हुआ है जिला आपूर्ति अधिकारी देहरादून को नोटिस के साथ सम्मन भेज दिया जाए कि आगामी दिनांक को स्वयं उपस्थित होकर आख्या प्रस्तुत करेंगे।