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उत्तराखंड:प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ.आर राजेश कुमार ने डेंगू एवम् चिकनगुनिया बीमारी की रोकथाम को अपेक्षित प्रयास ना करने पर देहरादून के CMO मनोज उप्रेती व हरिद्वार के CMO को किए प्रतिकूल प्रविष्टि के नोटिस जारी

भूपेन्द्र लक्ष्मी

उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार ने सख्त रूख अपनाते हुए देहरादून और हरिद्वार जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को किए प्रतिकूल प्रविष्टि के नोटिस जारी।
साथ ही डेंगू एवम अन्य बीमारियों के प्रसार की रोकथाम के लिए बुलाई गई वर्चुअल बैठक से अनुपस्थित रहने पर हरिद्वार के साथ ही पौड़ी, रुद्रप्रयाग व चंपावत के सीएमओ को अनुशासनात्मक कार्रवाई के मद्देनजर कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं।
डेंगू के 1679 मामले सामने आ चुके हैं।
देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी जिले डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित हैं, यही नहीं, ऐसे मरीजों की संख्या भी काफी है, जो डेंगू व चिकनगुनिया से पीड़ित होने पर घरों में ही उपचार करा रहे हैं। ये रोग लगातार फैल रहे हैं, लेकिन इनकी रोकथाम पर अंकुश नहीं लग पा रहा है, पिछले डेढ़ माह के दौरान डेंगू के लगभग 1679 मामले सामने आ चुके हैं।
जिसपर शासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डा आर जिसपर प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने देहरादून के सीएमओ डा मनोज उप्रेती और हरिद्वार के सीएमओ डा कुमार खगेंद्र को प्रतिकूल प्रविष्टि के मद्देनजर कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में कहा गया है कि राज्य में डेंगू व चिकनगुनिया रोग के तीव्र गति से फैलने के मामले आ रहे हैं तथा मैदानी क्षेत्रों में इसका ज्यादा प्रभाव है और इस पर नियंत्रण के लिए समयबद्ध रूप से कार्यवाही आवश्यक है। इस बारे में विभिन्न माध्यमों से दिशा-निर्देश के बावजूद दोनों जिलों में सीएमओ के स्तर से इन रोगों की रोकथाम को अपेक्षित प्रयास नहीं किए गए, जिससे वहां असामान्य स्थित उत्पन्न होने की संभावना है।
दोनों जिलों के सीएमओ को तीन दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि अन्यथा की स्थिति में उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि दिया जाना अपरिहार्य होगा।
इसके अलावा डेंगू व चिकनगुनिया के प्रसार की रोकथाम के लिए शुक्रवार को शासन द्वारा बुलाई गई वर्चुअल बैठक से अनुपस्थित रहे चार जिलों के सीएमओ हरिद्वार,पौड़ी,रुद्रप्रयाग,व चंपावत को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं तथा इन्हें भी 3 दिन के भीतर इस महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने पर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। अन्यथा की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।