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श्रद्धा पूर्वक मनाई गई वैसाख महीने की संग्राद एवं 325वां खालसा साजना दिवस

श्रद्धा पूर्वक मनाई गई वैसाख महीने की संग्राद एवं 325वां खालसा साजना दिवस 

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार देहरादून के तत्वावधान में वैसाख महीने की संग्राद व खालसा साजना दिवस कथा -कीर्तन के रूप में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया।

प्रात: नितनेम के पश्चात हज़ूरी रागी भाई नरेंद्र सिंह जी ने आसा दी वार का शब्द ” अमृत का व्यापारी होवै किआ मदि छूछै भाउ धरे “का गायन किया एवं सेवक परिवार के द्वारा रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग डाले गये l हैंड ग्रंथी ज्ञानी शमशेर सिंह ने कहा वैसाख के महीने में जो जीव परमेश्वर का नाम सिमरते है उनके लिए सुख भरा होता है पर जो प्रभु से दूर है उनका मन धीरज में नहीं आ सकता, वैसाखी वाले दिन 1699 को गुरु गोविंद सिंह जी ने अमृत तैयार करके पांच प्यारो को छका कर सिंह बनाया तथा गुरु साहिब जी ने आप पांच प्यारो से अमृत छककर गुरु गोविंद राये से गुरु गोविंद सिंह जी सजे ऐसा करके गुरु साहिब जी ने सभ जात -पात का भेदभाव खत्म किया।रागी जत्था भाई सुरजन सिंह ने ‘अमृत पीआ सतगुरि दीआ अवर न जाना दूआ तीआ’ का गायन किया।

कार्यक्रम में विशेष रूप हरिद्वार से आए रागी भाई नुकूल सिंह व भाई हरी ने ‘अमृत पीओ सदा जिर जीओ’ और गुरुद्वारा श्री पौंटा साहिब से आए रागी भाई चरनजीत सिंह ने ‘ अमृत नाम निदान है मिल पीवो’ शब्द गायन किया।

आज के पवित्र दिन गुरुद्वारा गुरू संगत धामावाला में 40 प्राणियों ने अमृत पान कर गुरु वाले बने। 

सरदार गुरबख्श सिंह राजन ने संगतों को वैसाख महीने की संग्राद व खालसा साजना दिवस की बधाई दी ।

सरदार गुलज़ार सिंह महासचिव द्वारा कार्यक्रम में श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या पर आगमन हेतु हार्दिक अभिनंदन व आभार प्रकट किया, साथ ही खालसा पंथ की चड़दीकला की अरदास गुरु चरणों में की।

मंच का संचालन करते हुए दविन्द्र सिंह भसीन ने सभी को बैशाखी की वधाई देते हुए कहा कि हमें अमृत छक कर गुरु जी के बताये हुए मार्ग पर चलना चाहिए 

गुरु महाराज जी का आशिर्वाद लेने पहुंचे गणेश जोशी मंत्री उत्तराखंड सरकार,विश्वास डाबर राज्यमंत्री उत्तराखंड सरकार,दविंदर पाल सिंह मोंटी पार्षद रेस कोर्स,नीरज कोहली सम्पादक वैली मेल एवं तिलक राज कालरा को शाल एवं समृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

ज्ञानी शमशेर सिंह ने सरबत के भले की अरदास की व गुरू साहिब का हुक्मनामा श्रृवण करवाया।

कार्यक्रम के पश्चात संगत ने गुरु का लंगर व प्रशाद ग्रहण किया।

इस अवसर पर सरदार गुरबख्श सिंह राजन अध्यक्ष, सरदार गुलज़ार सिंह महासचिव, सरदार जगमिंदर सिंह छाबड़ा वरिष्ठ उपाध्यक्ष ,सरदार चरणजीत सिंह उपाध्यक्ष,सरदार मंजीत सिंह, देवेंद्र सिंह भसीन,गुरप्रीत सिंह जौली,सरदार सतनाम सिंह,सरदार विजय पाल सिंह, सरदार कुलवंत सिंह,सरदार बाजिन्दर पाल सिंह, सरदार हरचरण सिंह, सरदार इंदरजीत सिंह,राजिंदर सिंह राजा मनमोहन सिंह बेदी जसपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।