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एक बाबा की जागीर बना कानून। बलात्कारी पर रहम करती देहरादून पुलिस

इंद्रजीत असवाल

अब बाबा के खिलाफ हसनपुर उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान संघ व स्थानीय जनता लगातार धरना प्रदर्शन कर रही है
देखें वीडियो में

चंद्रमोहन पाखंडी बाबा ने 2005 में अपनी पत्नी और एक सेवक का मर्डर किया था तो यह उस पर 302 307 लगी थी या मुकदमा आज भी मुजफ्फरनगर कोर्ट में चल रहा है पुलिस ने यह मुकदमा खुद किया था

व देहरादून में इसी बाबा पर बलात्कार का आरोप लगा है जिसकी रिपोर्ट राजपुर थाने में लिखी है

मजिस्ट्रेट के आगे लड़की के बयान हो चुके हैं मेडिकल जांच भी हो गई है

पर अब तक बाबा की गिरफ्तारी नही हुई

आखिर क्यों क्या कानून बाबा के लिए अलग व गरीब के लिए अलग है

यही नहीं बाबा के चेले भी किसी से कम नहीं है इन्होंने बाबा के मूल गांव मंजकोट में डेरा डाला हुआ है गांव के लोगो को आये दिन धमकाते रहते हैं ओर जब कोई इनका विरोध करता है तो बाबा का वकील प्यारेलाल उनको झूठे मुकदमे में फंसाकर उनका जीना हराम कर देते हैं

इसका जीता जागता उदाहरण हैं गाव की अपाहिज लड़की राजमती के पिता श्यामलाल बुडाकोटी

आपको पूरी कहानी से अवगत कराते हैं
*राजमती को बाबा के चेले कमल ने धमकाया व उठा लेने की धमकी दी जिसके बाद राजमती के पिता श्यामलाल ने इसकी सूचना ग्राम प्रधान महावीर पुंडीर को दी इसकी भनक जैसे ही बाबा के वकील को लगी तो उसने श्यामलाल को SCST एक्ट में फंसा दिया*

*कैसे ये भी रोचक है बाबा का एक चेला पहले दिन रात्रि को गांव में पहुचा व सुबह पटवारी के पास पहुचा कहा कि श्यामलाल ने उसको चमार कहा है*

*अब सोचने वाली बात ये कि यदि कोई हमारे गांव में रात्रि में आता है तो क्या वो अपने गले में जाति प्रमाण पत्र लटका के आता है ऊपर से पहाड़ों में चमार जाति के लोग नही रहते इसलिये ये शब्द भी यहाँ पर यूज नही होता ओर एक बात श्यामलाल राजस्व पुलिस का सिपाही था उनको इस कानून के विषय में सब पता था तो क्या वे ऐसे करते*

*जब जांच में तहसीलदार रिखणीखाल व लैंसडोन व पटवारी कौड़िया 4 मंजकोट पहुचे तो श्यामलाल की अपाहिज बेटी राजमती ने अपना दुखड़ा उनके आगे रोते हुए कहा साथ में मीडिया भी मौजूद थी पर तहसील प्रसासन ने बाबा के चेलों पर कोई कार्यवाही नहीं कि यहाँ भी प्रसासन बाबा के दबाव में आ गया*

ये सारा मामला विधिवत रूप से पेपर मीडिया इलेक्ट्रोनिक मीडिया डिजिटल मीडिया में छपा पर फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई

बाबा का गाँव मुख्यमंत्री उत्तराखंड के गांव से 12 किलोमीटर दूरी पर है