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देहरादून एंबुलेंस चालक की घोर जानलेवा लापरवाही आमजन पर पड़ सकती हैं भारी मानवाधिकार आयोग में भेजी शिकायत

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

समस्त वाक्या इस प्रकार है कि दिनाँक- 02-03-2022 की रात्रि लगभग 9:20 बजे यह संवाददाता अपने किसी कार्य से नेहरू कॉलोनी देहरादून से दर्शनी गेट की तरफ जा रहा था तो जैसे ही प्रिंस चौक पर पहुंचा उस समय ग्रीनलाइट हो रखी थी इसलिए इस मैंने अपनी स्कूटी आगे बढ़ा दी परंतु उसी समय सहारनपुर चौक की ओर से एक एम्बुलेन्स बहुत ही तेज स्पीड से आ रही थी और उसको हरिद्वार रोड की ओर जाना था ओर जिस तरफ से एम्बुलेन्स आ रही थी उस तरफ से रेड लाइट थी, परंतु एम्बुलेन्स के चालक ने यह नहीं देखा कि दूसरी ओर से ग्रीनलाइट है और उधर से कोई दोपहिया वाहन, चौपहिया वाहन या अन्य भी ग्रीन लाईट होने के कारण बेधड़क आ रहे होंगे।
यह कि एम्बुलेन्स की स्पीड बहुत ही ज्यादा तेज थी जिस कारण मेरा स्कूटर उसकी चपेट में आने से बाल-बाल बचा। अगर मैं सजग ना होता तो कोई भी दुर्घटना हो सकती थी।
आख़िर सवाल यह है कि उस एंबुलेंस चालक को कम से कम इतना ध्यान तो रखना ही चाहिए कि जब वो एंबुलेंस में किसी मरीज की जान बचाने के लिए उसको ले जा रहा हैं। उस समय चौराहे पर जहां से आ रहा है उसके सामने रैड लाइट है और दूसरी ओर से ग्रीन लाईट है, इसलिए उसे थोड़ी सी स्पीड कम करके ध्यान पूर्वक चलना चाहिए नहीं तो उसकी उस अत्यंत ही तेज स्पीड से कोई भी अप्रिय जानलेवा दुर्घटना हो सकती है और उसकी लापरवाही से कई लोग दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं। परंतु वह तो एंबुलेंस इस तरह चला रहा था जैसे कि हवाई जैट चला रहा हो।
इस मामले की शिकायत इस संवाददाता द्वारा मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड देहरादून को प्रेषित कर दी है कि इस संबंध में कड़े से कड़े दिशा-निर्देश जारी करने की कृपा करें ताकि इस तरह के एंबुलेंस चालकों की जानलेवा लापरवाही से किसी आमजन को नुकसान ना पहुंचे।