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देहरादून:अपर पुलिस अधीक्षक कार्मिक को रू 25 हज़ार की शास्ति का नोटिस

*उत्तराखंड राज्य सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक कार्मिक पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड देहरादून को रुपए 25 हज़ार की शास्ति का नोटिस जारी*

इस संवाददाता ने व्यापक जनहित में मानवाधिकार आयोग में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि “देहरादून के नेहरू कालोनी क्षेत्र में फव्वारा चौक से हरिद्वार रोड जाने वाले मुख्य मार्ग पर सड़क के दाहिने ओर पाईप लाईन डालने के बाद लापरवाही बरतते हुए काफ़ी लम्बे समय से वैसे ही छोड़ रखा है और सड़क को सही नही किया गया है, जिस कारण सिटी केमिस्ट शॉप के सामने एक दो- पहिया चालक का वाहन रपट गया था जिस कारण उसे काफ़ी चोट आई और उसके सर पर टांके भी लगाने पड़े साथ ही मुख्य मार्ग पर कई जगह बजरी/ रोड़ी भी डाल रखी है तथा मुख्य मार्ग होने के कारण ईश्वर ना करें कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती हैं क्योंकि यह मुख्य मार्ग हैं इसलिए इस सड़क पर काफी भारी ट्रैफिक रहता हैं, व्यापक जनहित में तत्काल तत्काल कार्यवाही की जाए।

शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग के सदस्य राम सिंह मीना द्वारा आदेश जारी किए गए कि “शिकायतकर्ता द्वारा नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में फव्वारा चौक से हरिद्वार रोड जाने वाले मुख्य मार्ग पर सड़क के दाहिने ओर पाईप लाईन डालने के बाद बजरी, रोड़ी आदि ऐसे ही छोड़ देने, जिससे आये दिन दुर्घटना होने की संभावना होने तथा इस पर तत्काल कार्यवाही कराने के सम्बन्ध में शिकायती पत्र प्रस्तुत किया है”।

“निदेशक, यातायात पुलिस मुख्यालय देहरादून को निर्देशित किया जाता है कि न्यायहित में नियमानुसार एंव विधि अनुसार उचित कार्यवाही की जाए ।

इस संवाददाता ने आयोग के आदेशों के अनुपालन में यातायात निदेशक द्वारा की गई कार्यवाही के सम्बंध में लोक सूचना अधिकारी/पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड देहरादून से नियमानुसार जनहित में 48 घण्टे में विभागीय प्रमाण सहित सूचना मांगी गई क्योंकि सूचना का विषय स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़ा हुआ था, परन्तु लोक सूचना अधिकारी (शाहजहां जावेद खान) अपर पुलिस अधीक्षक कार्मिक पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड देहरादून द्वारा उत्तर दिया गया कि ” सूचनानुसार अवगत करना है कि Case No. 462/35/5/2023, 12/04/2023 की प्रति यातायात निदेशालय, उत्तराखण्ड में प्राप्त नही हुआ है, तथा अतिरिक्त अवगत करना है कि आपके उक्त सूचना अनुरोध पत्र को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा-6(3) के अन्तर्गत लोक सूचना अधिकारी/पुलिस अधीक्षक(अपराध), जनपद देहरादून को इस कार्यालय के समसंख्यक पत्रांकः दिनांकितः 04/05/2023 के माध्यम से अंतरित किया गया है, ताकि आपको उनके नियंत्रणाधीन सूचना अनुरोध पत्र में आवेदित सूचनायें भी प्राप्त हो सके।

इस अत्यंत ही जनहित मामले की सूचनाएं प्राप्त ना होने पर उत्तराखंड सूचना आयोग में शिकायत दर्ज करवाई गई।

राज्य सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र द्वारा शिकायत की सुनवाई में आदेश पारित किए गए कि:-

आदेश-

आयोग द्वारा पत्रावली में संलग्न अभिलेखों का अवलोकन / परीक्षण करने के उपरान्त यह तथ्य प्रकट हुआ कि सूचना का अनुरोध पत्र पुलिस मुख्यालय दिनांक 04/05/2023 को प्राप्त होने पर लोक सूचना अधिकारी / श्रीमती शाहजहाँ जावेद खान, अपर पुलिस अधीक्षक (कार्मिक), पुलिस मुख्यालय, उत्तराखण्ड देहरादून द्वारा दिनांक 04/05/2023 को ही अनुरोध पत्र का अन्तरण लोक सूचना अधिकारी / पुलिस अधीक्षक (अपराध), जनपद देहरादून को करते हुए अनुरोधकर्ता को सूचित किया कि “आपके अनुरोध पत्र में आवेदित सूचना / अभिलेख पुलिस मुख्यालय, उत्तराखण्ड की अभिरक्षा में धारित होने की दशा में आपको पृथक से प्रेषित की जायेगी।” हालांकि अनुरोधकर्ता / शिकायतकर्ता के कथनानुसार उक्त दिनांकित 04/05/2023 प्रेषित पत्र उनको प्राप्त नहीं हुआ है। उसके उपरान्त लोक सूचना अधिकारी / श्रीमती शाहजहाँ जावेद खान, अपर पुलिस अधीक्षक (कार्मिक) द्वारा दिनांक 06/05/2023 को पुनः अनुरोधकर्ता को पत्र प्रेषित कर सूचित किया कि “Case No. 462/35/5/2023, 12/04/2023 की प्रति यातायात निदेशालय, उत्तराखण्ड में प्राप्त नहीं हुआ है।” 

सुनवायी में उपस्थित लोक सूचना अधिकारी के प्रतिनिधि के कथनानुसार अनुरोध पत्र के क्रम में सूचना यातायात देहरादून से मांगी गयी थी, जिसके क्रम में श्री अक्षय कोंडे, पुलिस अधीक्षक यातायात, देहरादून द्वारा अवगत कराया गया कि “प्रश्नगत प्रकरण की पत्रावली यातायात निदेशालय में प्रचलित है जिस हेतु निर्देशानुसार प्रकरण उपरोक्त में कृत कार्यवाही की आख्या पूर्व में यातायात निदेशालय को उपलब्ध करायी जा चुकी है। अतः आवेदक के अनुरोध पत्र में अपेक्षित सूचना बिन्दु संख्या 01 से 03 तक का यथा संधारण मूलतः यातायात निदेशालय के कार्यालय से अपेक्षित है।” जिससे स्पष्ट है कि अनुरोधकर्ता द्वारा मांगी गयी सूचनायें यातायात निदेशालय स्तर पर धारित है। किन्तु लोक सूचना अधिकारी / श्रीमती शाहजहाँ जावेद खान, अपर पुलिस अधीक्षक (कार्मिक), पुलिस मुख्यालय, उत्तराखण्ड देहरादून द्वारा बिना अनुरोध पत्र के परीक्षण के सरसरी तौर पर अनुरोध पत्र पुलिस अधीक्षक (अपराध) को अन्तरित कर दिया गया, जबकि प्रश्नगत पत्रावली उन्हीं के अधीन कार्यालय यातायात निदेशालय में उपलब्ध है, जिस कारण लोक सूचना अधिकारी / श्रीमती शाहजहाँ जावेद खान, अपर पुलिस अधीक्षक (कार्मिक) द्वारा किये गये अन्तरण की कार्यवाही सर्वथा अनुचित एवं सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की स्पष्ट अवहेलना है। 

वर्णित स्थिति में लोक सूचना अधिकारी/श्रीमती शाहजहाँ जावेद खान, अपर पुलिस अधीक्षक (कार्मिक), पुलिस मुख्यालय, उत्तराखण्ड देहरादून को प्रस्तुत प्रकरण में पक्षकार बनाते हुए उन्हें सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा-20 (1) के अन्तर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है कि क्यों न उन पर रू० 250 /- (दो सौ पचास रूपये) प्रतिदिन की दर अधिकतम रू० 25,000/- (पच्चीस हजार रूपये) की शास्ति अधिरोपित कर दी जाये? वह अपना लिखित स्पष्टीकरण आयोग को आगामी सुनवायी की तिथि से पूर्व प्रेषित कर सकती हैं तथा आगामी सुनवायी की तिथि दिनांक 28/11/2023 पर स्वयं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष लिखित रूप से प्रस्तुत कर सकती हैं तथा समर्थन में यदि कोई साक्ष्य हों तो उसे भी आयोग के समक्ष प्रस्तुत कर सकती हैं।