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श्रद्धा पूर्वक मनाई गई फगण महीने की संग्राद

देहरादून:श्रद्धा पूर्वक मनाई गई फगण महीने की संग्राद

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार देहरादून के तत्वावधान में फगण महीने की संग्राद व भगत रविदास जी का जन्म उत्सव कथा -कीर्तन के रूप में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया l

प्रात: नितनेम के पश्चात हज़ूरी रागी भाई चरणजीत सिंह ने आसा दी वार का शब्द “परमेसरि दिता बनां।।दुख रोग का डेरा भंना।।” का गायन किया एवं सेवक परिवार के द्वारा रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग डाले गये l

हेड ग्रंथी ज्ञानी शमशेर सिंह ने महीने की कथा करते हुए कहा कि श्री गुरु अर्जन देव जी समझाते हैँ कि जो पिछले महीनो में इन्सान ने कर्म किया है इस महीने में उसका फल और गुण प्राप्त होता है, और प्रभु की प्राप्ति होती है, गुरमुखो की संगत करने से प्रभु के गुण गायन करने का अवसर मिलता है और जीवन में से बुराई खत्म होती है भगत रविदास जी के गुरु ग्रन्थ साहिब जी में 16रागो में 40 शब्द अंकित हैं।

भाई सतवंत सिंह जी हजूरी रागी जत्थे ने शब्द ” जंमिआ पूतु भगतु गोविंद का,एवं, फलगुणि अंनद उपारजणा हरि सजण प्रगटे आइ ” का गायन कर संगत को निहाल किया,भाई शमशेर सिंह ने सरबत के भले के लिए अरदास की, आई हुई संगत को सरदार गुरबख्श सिंह राजन ,प्रधान, एवं सरदार गुलज़ार सिंह महासचिव के द्वारा भगत रविदास जी के जन्म दिवस की एवं सगराद की बधाई देते हुए मंगलकामना की, मंच का संचालन करते हुए सरदार दविंदर सिंह जी भसीन ने कहा कि हम सभी को ऐसे ही हर रोज गुरु साहिब जी के दर्शन करने पहुंचना चाहिए ताकि गुरु जी की शिक्षा को पढ़ कर अपने जीवन में अपना सकें, और हमारा हर दिन अच्छा व्यतीत हो,कार्यक्रम में गुरु जी का आशीर्वाद लेने के लिए विश्वास डाबर जी राज्यमंत्री उत्तराखंड सरकार पहुँचे उन्होंने गु.श्री गुरु सिंह सभा की नवगठित प्रबंध समिति को बधाई दी साथ ही सर्वसम्मति से व संविधानिक रूप से गठित समिति को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया,गुरुद्वारा कमेटी ने उन्हें शाल भेंट कर सम्मानित किया ॥कार्यक्रम के पश्चात संगत ने लंगर प्रशाद ग्रहण किया।

इस अवसर पर प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, महासचिव गुलज़ार सिंह,वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, चरणजीत सिंह चन्नी ,मंजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह जोली, सतनाम सिंह, दविंदर सिंह भसीन,दविंदर सिंह सहदेव,विजयपाल सिंह,अरविन्दर सिंह, दलबीर सिंह क्लेर,सुरजीत सिंह,तिलक राज कालरा अवीनाश सिंह आदि उपस्थित थेl

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