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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में सरकार अहम कदम उठाने जा रही

देहरादून। प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में सरकार एक और अहम कदम उठाने जा रही है। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के प्रविधानों का उल्लेख करने वाली नियमावली पर मुहर लगाई जाएगी। 

प्रदेश सरकार समान नागरिक संहिता को इसी माह लागू करने की प्रतिबद्धता बार-बार दोहरा चुकी है। ऐेेसे में उम्मीद इस बात की है कि 26 जनवरी को इसे लागू करने की घोषणा कर दी जाएगी। इस नियमावली को इससे पहले मंत्रिमंडल की अनुमति मिलनी आवश्यक है। इसलिए प्रदेश सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग से कैबिनेट की बैठक करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।

नियमावली पर की जा सकती है चर्चा

आयोग की अनुमति के बाद अब सोमवार को यह बैठक हो रही है। सूत्रों की मानें तो बैठक में गृह विभाग द्वारा तैयार की गई नियमावली पर चर्चा की जाएगी। यदि नियमावली में किसी तरह के सवाल नहीं उठे तो फिर इसे कैबिनेट से मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। इसके अलावा कैबिनेट में कुछ अन्य विषयों पर भी चर्चा संभावित है। इसमें एक प्रमुख विषय हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर देने का है। हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने निजी क्षेत्र से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। 

यद्यपि, इसके बाद इसे लेकर काफी सवाल भी उठे। अब इस पर अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल को लेना है। सूत्रों की मानें तो बैठक में इसके अलावा नई हेली सेवा के संचालन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन के अवसर पर प्रस्तावित दौरे, आगामी बजट और कुछ विभागों की सेवा नियमावली पर चर्चा हो सकती है। यह बैठक सुबह साढ़े नौ बजे सचिवालय में बुलाई गई है।

कसौटी पर मंत्री, विधायकों का रणनीतिक कौशल

वहीं दूसरी निकाय चुनाव को लेकर भाजपा सरकार के मंत्रियों और विधायकों का रणनीतिक कौशल भी कसौटी पर रहेगा। प्रत्याशी चयन से लेकर चुनावी रणनीति तैयार करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यही नहीं, चुनाव प्रचार अभियान को भी भाजपा संगठन और सरकार तालमेल से आगे बढ़ा रहे हैं। इस परिदृश्य में निकाय चुनाव के जो भी परिणाम आएंगे, उनका यश-अपयश सरकार के मंत्रियों व विधायकों के खाते में ही आएगा।

 

उत्तराखंड में वर्तमान में 100 नगर निकायों के चुनाव हो रहे हैं, जिनमें से 93 में भाजपा चुनाव लड़ रही है। सात नगर पंचायतों में उसने अध्यक्ष पदों पर सहयोगी दलों अथवा ऐसे प्रत्याशियों को समर्थन देने का एलान किया है, जो विपक्ष को मात दे सकें। पिछले निकाय चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा था। तब आठ में से पांच नगर निगम में पार्टी ने अपने बोर्ड बनाए थे। साथ ही 80 नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में भी पार्टी ने परचम फहराया था।

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