भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
सम्पूर्ण वाक्या इस प्रकार हैं कि देहरादून निवासी मंसुफ़ हुसैन ने अपने पिताजी की तबियत ख़राब/लीवर में इंफेक्शन का संदेह होने के कारण देहरादून लक्ष्मण चौक स्थित प्रेम सुख हॉस्पिटल में दिनांक 16-10-2020 को भर्ती करवाया गया था जिस कारण मरीज की समस्त जांच की थी तथा कोविड-19 की जांच आहूजा पैथोलॉजी लैब देहरादून में करवाई गई थी जांच पश्चात मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी । इस रिपोर्ट के आधार पर डॉ आशुतोष माथुर द्वारा मरीज एवं उसके परिजनों से पूछे बगैर उनका इलाज किया गया जबकि मरीज को कोरोना से संबंधित खांसी जुकाम छाती में दर्द आदि कुछ भी लक्षण नहीं थे ।
मरीज के परिजनों द्वारा जब दौबारा मरीज की कोविड-19 की जांच S R L नामक लैब में दिनांक 18-10- 2020 को करवाई गई तो उस लैब द्वारा दिनांक 19-10-2020 को मरीज की कोरोना रिपोर्ट नैगिटिव दी गई ।
मरीज के परिजनों का कहना है कि इस दौरान उनकी बहन की शादी थी जोकि आहूजा लैब द्वारा कोविड-19 की रिपोर्ट गलत पॉजिटिव देने के कारण लड़के वालों ने शादी रोकने की बात की और मरीज के परिजनों द्वारा लड़की की शादी के लिए जो पैसा इकट्ठा किया गया था वह आहूजा लैब की झूठी रिपोर्ट की भेंट चढ़ गया । मरीज के परिजनों का यह भी कहना है कि उनके पिताजी आज भी आहूजा पैथोलॉजी लैब द्वारा किए गए शोषण की वजह से संतुलन में नहीं है ।
मरीज के परिजनों द्वारा इस मामले की रिपोर्ट डीआईजी/एसएसपी देहरादून के समक्ष की गई है तथा मरीज के परिजनों द्वारा बताया गया कि एसएसपी द्वारा आश्वासन दिया गया है कि इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी ।
आहूजा पैथोलॉजी लैब वाले के विरुद्ध पहले भी कई मामले हो चुके हैं पूर्व में भी एक कैंसर से पीड़ित महिला की गलत रिपोर्ट देने पर इसके विरूद्ध दर्ज हुआ था मुक़दमा जिसकी जांच सीएमओ द्वारा की गई थी परंतु इसके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होती आखिर कौन है इसका आका या इसका पैसा ही हैं इसका आका जिस पैसे से सबके मुँह बंद हो जाते हैं, आखिर कब होगी इस आहूजा पैथोलॉजी लैब वाले के खिलाफ कार्यवाही ।