देहरादून : लोक निर्माण विभाग के मंत्री सतपाल महाराज ने सड़क की खराब गुणवत्ता को लेकर पौड़ी जिले में बीरोंखाल से मझगांव के बीच 10 मीटर सड़क को उखाडऩे के निर्देश दिए, जिसके बाद सड़क उखाड़ भी दी गई।
अब इस स्थान पर निर्धारित मानकों के अनुसार सड़क निर्माण का पुन: कार्य किया जाएगा। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
इंटरनेट मीडिया में भी जोर-शोर से उठा यह मामला
राष्ट्रीय राजमार्ग 121 में बीरोंखाल से मझगांव और थलीसैंण से सलोनधार में निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता और इनकी बदहाल हालत को प्रमुखता से उठाया था।
यह मामला इंटरनेट मीडिया में भी जोर-शोर से उठा। इसका संज्ञान लेते हुए लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को बुरी तरह खराब हुई 10 मीटर लंबे मार्ग को उखड़वाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही खराब गुणवत्ता के लिए संबंधित कंपनी की जिम्मेदारी भी तय की गई।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि 10 मीटर सड़क को जेसीबी से उखाड़ दिया गया है। इस इस स्थान पर निर्धारित मानक के अनुसार फिर से सड़क बनाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस पर शीघ्र ही कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
देखा जाएगा भारी वाहन संचालन के योग्य हैं या नहीं 36 पुल
लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश में असुरक्षित पाए गए 36 पुलों का एक बार फिर परीक्षण किया जाएगा। यह देखा जाएगा कि क्या इन पुलों को दुरुस्त करने पर पुल भारी वाहनों के चलने योग्य बन सकते हैं या नहीं। जो पुल इस योग्य होंगे, उन्हें दुरुस्त किया जाएगा, शेष को धीरे-धीरे बंद कर दिया जाएगा।
गुजरात के मोरबी में हुई पुल दुर्घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोक निर्माण विभाग को प्रदेश में सभी पुलों की स्थिति जानने और उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में लोनिवि ने प्रदेश के सभी पांचों जोन की रिपोर्ट शासन को सौंपी।
इसमें बताया गया कि प्रदेश में 36 पुल वाहन चलाने के लिहाज से असुरक्षित पाए गए। शासन ने इन पुलों को प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न परियोजनाओं, मसलन एशियन डेवलपमेंट बैंक, विश्व बैंक व सेंट्रल रोड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के जरिये दुरुस्त करने की बात कही। साथ ही इन सभी 36 पुलों में भारी वाहनों का संचालन रोक दिया। हालांकि, इन पुलों पर अभी हल्के वाहन संचालित हो रहे हैं।
अब प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए हैं कि इन सभी 36 पुलों का सर्वे किया जाए। यह देखा जाए कि इनमें से कितने पुल भारी वाहनों के संचालन योग्य हैं। जो पुल इस योग्य पाए जाएंगे, उन्हें दुरुस्त किया जाएगा। शेष पुलों को धीरे-धीरे चलन से बाहर कर दिया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अयाज अहमद ने बताया कि शासन के निर्देशों के क्रम में सभी पुलों का सर्वे शुरू किया जा रहा है। जिनमें भारी वाहनों का संचालन किया जा सकता है, केवल उन्हीं को ही फिर से दुरुस्त किया जाएगा