शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के जजों ने फैसला पढ़ना शुरू कर दिया है। बताया गया है कि इस मामले में दोनों ही जजों की राय अलग-अलग है। जहां जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सही मानते हुए बैन के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया, वहीं दूसरे जज सुधांशु धूनिया की पीठ ने उनसे उलट राय जाहिर की है।
गौरतलब है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहन कर आने पर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए प्रतिबंध को हटाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के तर्क 10 दिन तक सुनने के बाद 22 सितंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जस्टिस गुप्ता 16 अक्तूबर को रिटायर होने जा रहे हैं, उन्हीं की अध्यक्षता में मामला सुना गया है। शीर्ष अदालत की वाद सूची के अनुसार न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ आज इस मामले में फैसला सुनाएगी।
वकीलों ने मामले को संविधान पीठ के पास भेजने की गुजारिश की थी
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों ने जोर देकर कहा था कि मुस्लिम लड़कियों को कक्षाओं में हिजाब पहनने से रोकने से उनकी पढ़ाई खतरे में पड़ जाएगी क्योंकि उन्हें कक्षाओं में जाने से रोका जा सकता है। कुछ वकीलों ने इस मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने की भी गुजारिश की थी। वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों ने कहा था कि हिजाब को लेकर विवाद खड़ा करने वाला कर्नाटक सरकार का फैसला ‘धार्मिक रूप से तटस्थ’ था।