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अफगानिस्तान: भारत के दबाव के बाद झुका तालिबान उतारे गये निशान साहिब को गुरुद्वारे में रखा वापिस

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी के साथ ही अब सरकार और तालिबान के बीच संघर्ष बढ़ गया है। तालिबान एक के बाद एक राज्यों पर अपने कब्ज़े करता चला जा रहा है और शरिया कानून को लागू करवाने की कवायद भी बड़े पैमाने पर शुरू कर रखी है। तालिबानियों ने बीते दिन शुक्रवार को अफगानिस्तान के पख्तिया प्रांत में स्थित श्री थाला साहिब गुरुद्वारे से निशान साहिब को हटा दिया था। इस पर भारत ने सख्त आपत्ति जताई थी जिसके बाद भारत के दबाव के आगे तालिबान ने अपनी गलती का सुधार करते हुए कल शनिवार को निशान साहिब को वापिस गुरुद्वारे में लगा दिया है। माना जा रहा है कि भारत के एतराज के बाद तालिबान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बना जिससे तालिबान निशान साहिब को वापस लगाने के लिए मजबूर हुआ।

भारत ने सिख धार्मिक ध्वज को हटाने की निंदा की थी। भारत ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास रहा है कि अफगानिस्तान का भविष्य ऐसा होना चाहिए जहां अल्पसंख्यकों और महिलाओं सहित अफगान समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा हो। हमने अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत में गुरुद्वारा थाला साहिब, चमकनी की छत से सिख धार्मिक ध्वज निशान साहिब को हटाये जाने के बारे में मीडिया रिपोर्ट देखी है।
बताया जा रहा है कि भारत के एतराज के बाद जब अंतर्राष्ट्रीय दबाव बना तो तालिबान के अफसर और लड़ाके वहां पर गए और निशान साहिब को वापस रख दिया। भारतीय विश्व फोरम के चेयरमैन पुनीत सिंह चंडोक ने जानकारी देते हुए बताया कि निशान साहिब को वापस रख दिया गया है।
पुनीत सिंह चंडोक ने बताया कि गुरुद्वारे की छत पर निशान साहिब को पूरे सम्मान के साथ वापस रख दिया गया है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम को तालिबान के कुछ अफसर और लड़ाके गुरुद्वारे पहुंचे और तुरंत निशान साहिब को वापस रखने का आदेश दिया चंडोक ने भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सराहना की है।