आरटीआई

एक्सक्लूसिव: बेलगाम महिला हेल्पलाइन पर आईजी का शिकंजा। अब राजपत्रित अधिकारी की संस्तुति जरूरी

भूपेंद्र कुमार लक्ष्मी

गढ़वाल परिक्षेत्र में अब महिला हैल्पलाइन में काउंसिलिंग के बाद थाने व न्यायालय भेजने से पूर्व राजपत्रित अधिकारी मामले की विवेचना करेगा। अब राजपत्रित अधिकारी की संस्तुति के आधार पर ही जनपदीय महिला हैल्पलाइन प्रभारी द्वारा ऐसे प्रकरणों में अग्रेत्तर निर्णय लिया जाएगा।

दरअसल इस मामले में इस संवाददाता ने महिला हैल्पलाइन में होने वाली कार्यवाही के संबंध में आरटीआई लगाई थी। जब इसकी सुनवाई प्रथम अपीलीय अधिकारी के रूप में आईजी गढ़वाल अजय रौतेला ने की तो उनके सम्मुख कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को रखा गया।
अपीलकर्ता ने मुख्य रूप से यह आपत्ति दर्ज की थी कि महिला हेल्पलाइन में पक्षकारों की काउंसलिंग के बाद कुछ पत्रावलियों को दबाव में अग्रिम कार्रवाई हेतु प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु संबंधित थाने को प्रेषित किया जाता है तथा कुछ प्रकरण न्यायालय प्रेषित किए जाते हैं। इसमें काउंसलिंग के पश्चात बिना किसी भेदभाव के पीडि़ता की स्वयं की सहमति से ही अग्रिम कार्रवाई हेतु प्रकरण थानों को प्रेषित किए जाएं। अपीलकर्ता का यह सुझाव उचित मानते हुए अपीलीय अधिकारी अजय रौतेला द्वारा गढ़वाल परिक्षेत्र के समस्त वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी किए गए कि यह संज्ञान में आया है कि कतिपय प्रकरणों में काउंसलिंग के उपरांत महिला हेल्पलाइन द्वारा भारी अनावश्यक दबाव में पत्रावलियां न्यायालय अथवा संबंधित थाने को अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित की जाती हैं।

यहां पर यह अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि यदि किसी प्रकरण में काउंसलिंग के उपरांत थाना न्यायालय भेजने से पूर्व प्रकरण की समीक्षा प्रत्येक दशा में राजपत्रित अधिकारी द्वारा की जाए। राजपत्रित अधिकारी की संस्तुति के आधार पर ही जनपदीय प्रभारी द्वारा ऐसे प्रकरणों में अग्रेतर निर्णय लिया जाए।

अत: यह आवश्यक है कि काउंसलिंग के पश्चात पीडि़त पक्ष की स्वयं की सहमति के उपरांत ही संबंधित प्रकरणों को अग्रिम कार्रवाई हेतु प्रेषित किया जाए। इस संबंध में सभी अधीनस्थों को अपने स्तर से समय-समय पर निर्देशित करना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही यह भी चेतावनी दी गई है कि आदेशों का अनुपालन न होने की स्थिति में उन पर कार्रवाही की जाएगी।

कुल मिलाकर जिस तरह आईजी द्वारा जनहित में अपील के निस्तारण में आदेश पारित किया गया। इसी प्रकार अन्य विभागों के विभागीय अपीलीय अधिकारी भी अपने कर्तव्य का सही से पालन करें तो सूचना के अधिकार से समाज में एक नई पारदर्शिता देखने को मिलेगी।