भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
देहरादून के जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में एक वरिष्ठ चिकित्सक द्वारा इंटर्न चिकित्सक का शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न करना पूर्व में भी एक वरिष्ठ डॉक्टर के यौन शोषण के आरोप इसी डॉक्टर पर लगे थे।
समस्त प्रकरण इस प्रकार हैं कि देहरादून के जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में एक वरिष्ठ चिकित्सक द्वारा इंटर्न चिकित्सक के शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न किया गया हैं । इंटर्न ने अस्पताल प्रबंधन से इसकी लिखित शिकायत भी की है।
यह कि इसी चिकित्सक पर इससे पहले भी एक वरिष्ठ डॉक्टर के यौन शोषण के आरोप भी लग चुके हैं। इसकी जांच भी कराई गई, पर उच्चाधिकारियों ने मामला रफा-दफा कर दिया।
बीएएमएस इंटर्न के अनुसार इस वरिष्ठ चिकित्सक द्वारा उसका मानसिक और शारीरिक रूप से उत्पीड़न करने पर उनके द्वारा कई बार विरोध भी किया पर उन्होंने अपनी हरकत बंद नहीं की गयी । इंटर्न का यह भी आरोप है कि वरिष्ठ चिकित्सक कई बार उसे फोन काल भी करते हैं। यही नहीं अपने कमरे पर आने के लिए भी कहते हैं तथा उसे कई बार गलत ढंग से छुआ भी।
पीड़िता इंटर्न ने इससे तंग आकर अस्पताल प्रबंधन से शिकायत कर आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसी वरिष्ठ चिकित्सक पर पहले भी एक महिला स्वास्थ्यकर्मी के शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लग चुका है। तब भी मामले की जांच बैठाई गई थी,पर बाद में मामला डंप कर दिया गया और किसी पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई ।
सूत्रों के अनुसार सीएमएस से जब इंटर्न डॉक्टर शिकायत कर कमरे से बाहर निकली तो रो रही थी आरोप है कि सीएमएस ने डॉक्टर की बात सही से नहीं सुनी।
यह कि एक बात मुख्यतः यह है कि इस अस्पताल में महिला सेल ही सक्रिय नहीं है तथा इसी अस्पताल में पूर्व में यौन शोषण का केस सामने आने के बाद भी यहां महिला सेल सक्रिय नहीं है तथा इतने गंभीर आरोप झेलने के बाद भी डॉक्टर इसी जिला अस्पताल में भी काफी लंबे समय से जमा हुआ है।
इस संवाददाता द्वारा इस अत्यंत ही गंभीर प्रकरण में उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग में जनहित में याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि कि प्रकरण बहुत ही गंभीर और संवेदनशील है इसलिये कृपया कर इसकी जांच स्वास्थ्य विभाग के अलावा किसी अन्य उच्च एजेंसी/विभाग से करवाने की कृपा करें क्योंकि पूर्व में भी जब इसी चिकित्सक पर आरोप लगे थे तो कोई कार्यवाही नहीं हुई,साथ ही जनहित न्यायहित में पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब करने की कृपा कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की कृपा करें।
आयोग द्वारा प्रकरण की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए आयोग की डबल बेंच द्वारा शिकायत पर तत्काल सुनवाई की गई और आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद्र शर्मा तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा कार्यवाही करते हुए महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में आख्या आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया हैं।