भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
संपूर्ण वाक्य इस प्रकार है कि यह संवाददाता कल दिनाँक 30-01-2021 को सांय लगभग 5:30 बजे बाजार से जब अपने निवास नेहरू कॉलोनी देहरादून की ओर आ रहा था तो फव्वारा चौक पर देखा कि देहरादून ट्रैफिक पुलिस का एक जवान अपनी ड्यूटी कर्मठतापूर्वक निभाने हुए अकेले ही जूझ रहा है परन्तु दो पहिया और चौपहिया वाहन चालकों को जैसे की बहुत ही जल्दी है अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने की क्योंकि उनके द्वारा लाल बत्ती की भी परवाह नहीं की जा रही ट्रैफिक जवान दौड़-दौड़ कर ट्रैफिक का उल्लंघन करने वालों को रोक रहा है निवेदन कर रहा है कि रुक जाइए कि अभी दूसरी ओर का ट्रैफिक चल रहा है परंतु बेशर्म लोग अनसुनी करते हुए चले ही जा रहे हैं।
उसके बाद यह संवाददाता लगभग डेढ़ घंटा इस फव्वारा चौक पर खड़ा होकर इस ट्रैफिक के जवान वीर जयवीर को ट्रैफिक अकेले ही ट्रैफिक से जूझते हुए देखता रहा।
सवाल यह है कि देहरादून का ये फव्वारा चौक देहरादून के मुख्य चौराहों में से एक है क्योंकि यहां पर लगभग हर समय ट्रैफिक बहुत ही ज्यादा रहता है और पीक टाईम पर तो एक साथ सैकड़ो वाहनों का दबाव इस चौराहे पर रहता है और इस पीक टाईम में यह जवान जयवीर अकेला ही ट्रैफिक से जूझ रहा है और ना तो यहां कोई संबंधित थाने चौकी का कोई जवान है ना ही कोई होमगार्ड का जवान जो ट्रैफिक का जानबूझकर उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध चालानी एवं कानूनी कार्यवाही कर इस ट्रैफिक के सिपाही का सहयोग एवं कानून की मदद कर सके परंतु विशेष बात ट्रैफिक के जवान का ध्यान अपने को मिलने वाले सहयोग की ओर नही हैं वो तो बस अपने कर्तव्य पालन में मग्न हैं ताकि ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे ।मेरा नम्र निवेदन हैं कि क्या माननीय उच्चाधिकारीगण इस ओर व्यापक जनहित में अपना ध्यान बख्शेंगे।