मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हर साल जंगलों को आग से बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जाता है। ऐसे में जरूरी है कि वन विभाग राज्य के लिए एक समावेशी प्लान तैयार करे ताकि वनाग्नि को कम से कम किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह विदेशों के विकसित मॉडल का भी अध्ययन करें और जरूरत के हिसाब से राज्य के प्लान में उसे भी शामिल करें। उन्होंने कहा कि वन विभाग अपने ढांचे को निचले स्तर से सुदृढ़ करें ताकि बेहतर तरीके से कार्यों को क्रियान्वित किया जा सके।
धामी बृहस्पतिवार को यहां फॉरेस्ट ट्रेनिंग अकादमी में वनाग्नि, पेयजल और विद्युत विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम और कार्मिकों के मनोबल को बनाने के लिए उच्चाधिकारियों को फील्ड में बने रहने के निर्देश दिए। कहा कि वर्तमान में जो भी ब्रिटिशकाल की फायर लाइनें अस्तित्व में हैं, उन्हें रिस्टोर किया जाए। बैठक में जिलाधिकारी वंदना सिंह आदि अधिकारी मौजूद थे।
ग्रामीणों के साथ बेहतर तालमेल बनाए वन विभाग
मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों को ग्रामीणों के साथ बेहतर तालमेल बनाने के निर्देश दिए। कहा कि बेहतर तालमेल और संबंध से किसी भी प्रकार की आपदा के दौरान ग्रामीण अपने अपने क्षेत्रों में सहयोगी के रूप में भूमिका निभाएंगे। इससे आपदा के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी और ग्रामीण वन और जंगल के प्रति जुड़ाव भी महसूस करेंगे। मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो ने सीएम को बताया कि सभी फायर वॉचर को पीरूल एकत्रित करने के निर्देश दिए है।
निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर ध्यान देने के निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने सड़क निर्माण कर रही कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। साथ ही रोड सेफ्टी के लिए लगाए जा रहे क्रैश बैरियर पर क्षेत्र की परिस्थितिकी के अनुरूप पौधारोपण करने को भी कहा।