Human Rights

ढोल ना बजाने पर जुर्माना लगाने मामले में न्यायाधीश धर्मशक्तू ने डीएम चमोली को किए नोटिस जारी

देहरादून:अनुसूचित जाति के ढोल वादक पुष्कर लाल गाँव में बैसाखी मेले के आयोजन पर स्वास्थ्य खराब होने से वह ढोल नहीं बजा पाए जिस पर गांव के सवर्णों ने पंचायत बुलाकर पुष्कर लाल पर 5000 रुपये का जुर्माना लगा दिया तथा जुर्माना भरने के बाद भी ग्रामीणों ने गांव में पंचायत बुलाकर अनुसूचित जाति के परिवारों का बहिष्कार करने और जल, जंगल, जमीन से वंचित रखने का निर्णय लिया है, उन्हें गांव के प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी न भरने देने की बात भी कही गई।

इस संवाददाता द्वारा दिनांक 08/8/2024 को मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि गोपेश्वर/जोशीमठ में एक धार्मिक आयोजन में ढोल न बजाने पर जुर्माना लगाने से अनुसूचित और सवर्ण जाति के ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया है। अनुसूचित जाति के ग्रामीणों ने सवर्णों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। कहा है कि बहिष्कार करने और हक-हकूकों से वंचित रखने की धमकी दी जा रही है। पुलिस ने एससी एसटी एक्ट में 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

यह प्रकरण विकासखंड जोशीमठ के सुभाई- चांचड़ी गांव का है, अनुसूचित जाति के ग्रामीणों ने जोशीमठ कोतवाली पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि बीती मई में गांव में बैसाखी मेला था। जिसमें उनकी जाति के ढोल वादक पुष्कर लाल को ढोल बजाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने से वह ढोल नहीं बजा पाए। आरोप है कि इससे नाराज गांव के सवर्णों ने पंचायत बुलाकर पुष्कर लाल पर 5000/- रुपये का जुर्माना लगा दिया। पुष्कर लाल ने तीन मई को जुर्माने की रकम भी जमा कर दी, लेकिन इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ। आरोप है कि ग्रामीणों ने गांव में पंचायत बुलाकर अनुसूचित जाति के परिवारों का बहिष्कार करने और जल, जंगल, जमीन से वंचित रखने का निर्णय लिया है, उन्हें गांव के प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी न भरने देने की बात भी कही गई है। 

जोशीमठ कोतवाली के प्रभारी राकेश भट्ट के अनुसार गांव के 28 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उधर सवर्ण जाति के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में होने वाले मेले में विवाद को रोकने के लिए पंचायत हर साल निर्णय लेती है कि कोई ग्रामीण विवाद करेगा या शराब पीकर आएगा तो उसपर दंड लगाया जाएगा। वर्षों से चली आ रही व्यवस्था के तहत जुर्माना लगाया था। 

प्रमोद शाह,पुलिस उपाधीक्षक कर्णप्रयाग द्वारा कहा गया है कि वह इस मामले की जांच के लिए गांव में गए थे और प्रथम दृष्टया मामला सही पाया गया है। 

निवेदन हैं कि शिकायत का विषय बहुत ही गंभीर है और अनुसूचित जाति के लोगों के उत्पीड़न से जुड़ा हुआ है क्योंकि पुष्कर लाल स्वास्थ्य खराब होने के कारण ढोल नहीं बजा पाए तो उसके ऊपर रु 5000/- का जुर्माना लगा दिया और जुर्माना भरने के बाद भी अनुसूचित जाति के परिवारों का बहिष्कार करने और जल, जंगल,जमीन से वंचित रखने का निर्णय लिया है, उन्हें गांव के प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी न भरने देने की बात भी कही गई है, इस मामले में पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है परंतु मामला अनुसूचित जाति के गरीब लोगों से जुड़ा होने के कारण किसी दबाव में आकर कही इस मामले में लीपापोती ना कर दी जाए इसलिए जनहित में रिपोर्ट तलब कर तत्काल कार्यवाही करने की कृपा करें।

जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग के सदस्य न्यायाधीश गिरधर सिंह धर्मशक्तू द्वारा दिनांकः 16 अगस्त 2024 को जिलाधिकारी चमोली को नोटिस जारी कर आदेश जारी किए गए।

आदेश

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शिकायतकर्ता भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों का उत्पीड़न एंव उनके परिवारों का सामुहिक बहिष्कार करने के सम्बन्ध में शिकायती पत्र प्रस्तुत किया गया है।

शिकायती पत्र की प्रति जिलाधिकारी,चमोली को प्रेषित की जाये। वह नियत तिथि तक प्रकरण के सम्बन्ध में आख्या प्रस्तुत करेंगे।

पत्रावली दिनांक 12.09.2024 को प्रस्तुत की जाये।

विदित हो कि आयोग के उपरोक्त आदेश की अपेक्षा अनुरूप कार्रवाई न किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोंपरांत यथोचित आदेश पारित कर दिए जाएंगे