जहां छठे एवं फाइनल टर्म की 18 महिला कैडेट में आठ ने थल सेना का विकल्प चुना है। अब एनडीए से पासआउट होने के बाद ये महिला कैडेट्स सालभर का सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भारतीय सैन्य अकादमी में आएंगी।
जुलाई से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने लगेगा पहला बैच
पिछले नौ दशक में अकादमी ने अपनी प्रशिक्षण क्षमता 40 कैडेट से 1,650 जैंटलमैन कैडेट तक बढ़ा दी है। अब तक 65 हजार से अधिक आफिसर कैडेट इस प्रतिष्ठित अकादमी से पासआउट हो चुके हैं। इनमें 34 मित्र देशों को मिले कैडेट भी शामिल हैं। अकादमी का गौरवशाली इतिहास रहा है और यहां से पासआउट कैडेटों ने सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है।
अकादमी के इतिहास में एक और नया अध्याय
अकादमी से पासआउट हुए कई सैन्य अधिकारियों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान भी दिया है। अब अकादमी के गौरवशाली इतिहास में एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। क्योंकि अकादमी में अब पुरुष कैडेटों के अलावा महिला कैडेट भी सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी।
एनडीए में चयन होने के बाद कैडेट तीन साल तक खड़गवासला स्थित अकादमी में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ ही ग्रेजुएट की डिग्री भी हासिल करते हैं। इसके बाद एनडीए से पासआउट होकर प्रशिक्षण के लिए आइएमए, नौसेना अकादमी व वायुसेना अकादमी में जाते हैं। कैडेट यहां पर सालभर का कड़ा सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर पासआउट होकर सेना में अफसर बनते हैं।