देहरादून। उत्तराखंड की तस्वीर बदलने वाली है। प्रदेश में दिसंबर में होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन में परिवहन विभाग की भी जिम्मेदारी तय की गई है। शासन ने परिवहन विभाग को इस सम्मेलन में 500 करोड़ के करार करने का लक्ष्य दिया है। विभाग से उम्मीद की गई है कि इसके सापेक्ष वह तकरीबन 200 करोड़ की योजनाओं को धरातल पर उतारेगा।
विभाग अब इसके लिए परिवहन से संबंधित कंपनियों से वार्ता कर विनिर्माण के क्षेत्र में उन्हें निवेश के लिए आमंत्रित करने की प्रक्रिया में जुट गया है। राज्य में होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन को लेकर सरकार पूरी गंभीरता से आगे कदम बढ़ा रही है। ऐसे सभी क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है, जिनमें निवेशक आगे आ सकते हैं। इनमें से एक परिवहन विभाग भी है।
बदलने वाली है परिवहन की दशा
राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड में वाहनों की खरीद व बिक्री काफी बढ़ी है। इस समय इलेक्ट्रिक वाहन का बाजार भी तेजी से फैल रहा है। ये ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें परिवहन विभाग निवेशकों को आमंत्रित कर सकता है। इसके लिए विभाग तैयारियों में जुट गया है। इस क्रम में विभाग ने ऐसे क्षेत्र चिह्नित कर लिए हैं, जिनमें निवेशकों को आकर्षित किया जा सकता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए स्पेशल प्लान तैयार
प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार के लिए पूरे प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन खोलने की जरूरत है। इसके लिए पीपीपी मोड एक बेहतर जरिया है। इसी प्रकार ऑटोमेटिक टेस्टिंग लेन खोलने के लिए केंद्र ने प्रदेश को निजी क्षेत्र के सहयोग से कार्य करने को कहा है। इसमें कुछ ने रुचि दिखाई है।
प्रदेश में खोला जाएगा स्क्रैपिंग सेंटर
प्रदेश में 15 वर्ष से पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप किया जाना है। इसके लिए स्क्रैपिंग सेंटर खोले जाने हैं। इस क्षेत्र में भी व्यापक संभावनाएं हैं। इसे लेकर विभाग ने तैयारियां भी शुरू कर दी है। इनमें इच्छुक निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है। साथ ही कुछ से दो-तीन दौर की वार्ता भी हो चुकी है।
500 करोड़ के निवेश की है उम्मीद
विभाग को उम्मीद है कि निवेशक सम्मेलन से पहले वह विभिन्न कंपनियों से 500 करोड़ के करार करने में सफल होगा। संयुक्त आयुक्त परिवहन एसके सिंह का कहना है कि निवेश के लिए कई कंपनियों से वार्ता चल रही है।