

देहरादून।: समय के साथ चलने में ही समझदारी है। लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार वन विभाग को इसका अहसास हुआ है। जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण के लिए तकनीकी का बेहतर ढंग से उपयोग इसकी बानगी है। इसी कड़ी में अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया गया है।
इसके तहत मौसम विभाग से मिलने वाले पूर्वानुमान के आधार पर संवेदनशील क्षेत्र चिह्नित कर वहां वन कर्मियों को अलर्ट किया जा रहा है, ताकि आग लगने पर तत्काल इसे बुझाया जा सके। इसके अलावा फारेस्ट फायर एप और फायर अलर्ट सिस्टम से अब तक 20,900 व्यक्तियों को जोड़ा जा चुका है। इससे अग्नि दुर्घटनाओं की तत्काल जानकारी मिल रही है और अग्नि नियंत्रण में रिस्पांस टाइम कम हुआ है।
राज्य में हर साल ही बड़े पैमाने पर आग से वन संपदा को पहुंच रही क्षति चिंता बढ़ा रही है। इसे देखते हुए सरकार ने इस बार आग पर नियंत्रण के लिए इसमें जनसहभागिता सुनिश्चित करने के साथ ही तकनीकी के उपयोग पर जोर दिया।