national

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए वक्फ कानून के खिलाफ नई याचिका पर सुनवाई करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर विचार करने को लेकर अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि अब वो किसी भी नई याचिका पर विचार नहीं करेगा। इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि वो 70 से ज्यादा याचिकाओं में से केवल पांच पर सुनवाई करेगी।

 सुप्रीम कोर्ट लगातार वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुना रहा है। आज फिर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए वक्फ (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली नई याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और के वी विश्वनाथन की पीठ 5 मई को इस मुद्दे पर याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है।
इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि वो 70 से ज्यादा याचिकाओं में से केवल पांच पर सुनवाई करेगी। आज फिर कहा कि इस मुद्दे पर कोई और नई याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता मोहम्मद सुल्तान के वकील से कहा,
पीठ ने कहा, ‘हम अब याचिकाओं की संख्या नहीं बढ़ाने जा रहे हैं। यह बढ़ती रहेंगी और इन्हें संभालना मुश्किल हो जाएगा।’ 17 अप्रैल को पीठ ने अपने समक्ष प्रस्तुत याचिकाओं में से केवल पांच पर सुनवाई करने का फैसला किया और मामले का टाइटल रखा। ‘वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के संबंध में।’
तब केंद्र ने पीठ को आश्वासन दिया कि वह 5 मई तक ‘वक्फ के यूजर्स सहित वक्फ संपत्तियों को न तो गैर-अधिसूचित करेगा और न ही केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में कोई नियुक्ति करेगा। कानून के खिलाफ करीब 72 याचिकाएं दायर की गईं।
इनमें एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी), जमीयत उलमा-ए-हिंद, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद की याचिकाएं शामिल थीं।
तीन वकीलों को नोडल वकील नियुक्त करते हुए पीठ ने वकीलों से कहा कि वे आपस में तय करें कि कौन बहस करने जा रहा है। पीठ ने कहा, ‘हम स्पष्ट करते हैं कि अगली सुनवाई (5 मई) प्रारंभिक आपत्तियों और अंतरिम आदेश के लिए होगी।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *