कोलकाता। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस प्रस्ताव की आलोचना की है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए अलग स्मारक की मांग की गई है। शर्मिष्ठा ने कांग्रेस पर भेदभाव करने का भी आरोप लगाया।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पर लगाया भेदभाव का आरोप
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, जब बाबा (पिता) का निधन हुआ तो कांग्रेस ने कार्यसमिति सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाकर मेरे पिता के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित करने की भी जहमत नहीं उठाई। शर्मिष्ठा ने कहा, एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे कहा कि राष्ट्रपतियों के निधन पर कांग्रेस कार्यसमिति शोक प्रस्ताव पारित नहीं करती।
शर्मिष्ठा ने प्रणब मुखर्जी की डायरी का किया जिक्र
शर्मिष्ठा ने कांग्रेस नेता के इस तर्क को पूरी तरह से बकवास बताते हुए दावा किया कि उन्हें अपने पिता की डायरियों से पता चला है कि एक और पूर्व राष्ट्रपति केआर. नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश का मसौदा किसी और ने नहीं बल्कि प्रणब मुखर्जी ने ही तैयार किया था।
सुबह 9.30 बजे कांग्रेस मुख्यालय से निकलेगी अंतिम यात्रा
मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर सुबह करीब आठ बजे उनके सरकारी आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा। पिछले दस वर्षों से वह इसी बंगले में रह रहे थे। पार्टी मुख्यालय पर उनका पार्थिव शरीर करीब डेढ़ घंटे पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं व प्रशंसकों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। करीब 9.30 बजे पूर्व प्रधानमंत्री की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी।
विभिन्न दलों के नेताओं ने अर्पित किए श्रद्धासुमन
मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने वालों में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अनेक केंद्रीय मंत्री भी शामिल रहे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी दिल्ली आकर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अर¨वद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उनके अंतिम दर्शन किए।
कैबिनेट ने सम्मान में पारित किया प्रस्ताव, सात दिन का राजकीय शोक
डॉ. सिंह को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भी श्रद्धांजलि दी गई। कैबिनेट ने उन्हें एक ऐसा विलक्षण राजनेता, प्रख्यात अर्थशास्त्री बताया जिसने राष्ट्रीय जीवन में गहरी छाप छोड़ी।
कैबिनेट सदस्यों ने उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखा और उनके स्मरण में एक प्रस्ताव भी पारित किया। प्रस्ताव में उनके जीवन की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा गया कि डॉ. सिंह ने आर्थिक सुधारों की व्यापक नीति लाने में अहम भूमिका निभाई। कैबिनेट ने सरकार और पूरे देश की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। केंद्र सरकार ने डॉ. सिंह के सम्मान में सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।