गोपेश्वर। बदरीनाथ धाम स्थित हेलीपैड पर चार्टर हेलीकाप्टर के पार्किंग में खड़े वाहन से टकराने के मामले में प्रथमदृष्ट्या सुरक्षा मानकों की अनदेखी सामने आ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यहां अधिकांश कार्य अप्रशिक्षित कर्मचारियों के जिम्मे है। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी डा. संदीप तिवारी ने उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथारिटी (यूकाडा) को जांच के लिए पत्र लिखा है।यूकाडा ने हेलीपैड की व्यवस्था में भी बदलाव किया है। इसके तहत अब यहां एक बार में एक हेलीकाप्टर उतर रहा है, जबकि सोमवार तक एक साथ तीन हेलीकाप्टर उतर रहे थे। इसके अलावा एक हेलीकाप्टर को हेलीपैड पर अधिकतम 15 मिनट ही रुकने का निर्देश भी दिया गया है।
इस बीच मंगलवार शाम डायरेक्टरेट जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के फ्लाइट आपरेशन निरीक्षक विशाल चौधरी ने तकनीकी टीम के साथ धाम पहुंचकर घटनास्थल व हेलीकाप्टर का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रत्यक्षदर्शियों से भी घटना के संबंध में जानकारी ली।
वर्ष 2015 में देवदर्शिनी के पास हेलीपैड का निर्माण किया गया था
बदरीनाथ धाम में वर्ष 2015 में देवदर्शिनी के पास हेलीपैड का निर्माण किया गया था। यहां एक साथ तीन हेलीकाप्टर उतर सकते हैं। यात्रा सीजन में मौसम सामान्य रहने पर प्रतिदिन लगभग 50 हेलीकाप्टर तीर्थ यात्रियों के साथ आवाजाही करते हैं। इसी कड़ी में सोमवार को थंबी एविएशन का चार्टर हेलीकाप्टर केदारनाथ से तीर्थ यात्रियों को लेकर बदरीनाथ पहुंचा था।
हेलीकाप्टर में चार तीर्थयात्री सवार थे
बताया जा रहा कि घटना के समय हेलीपैड पर तीन हेलीकाप्टर मौजूद थे, जबकि एक अन्य हेलीकाप्टर लैंडिंग के लिए हेलीपैड के ऊपर चक्कर लगा रहा था। इस हेलीकाप्टर को थंबी एविएशन के हेलीकाप्टर के उड़ान भरने के बाद उतरना था, लेकिन थंबी का हेलीकाप्टर उड़ान भरते ही असंतुलित हो गया और दुर्घटना हो गई।
डीजीसीए ने घटना को गंभीरता से लिया
उधर, डीजीसीए ने घटना को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को ही थंबी एविएशन की हेली सेवाओं पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी थी। इसके चलते मंगलवार को प्रदेश में थंबी एविएशन की हेली सेवाएं संचालित नहीं हुईं। बदरीनाथ रूट पर पायलट की थी पहली उड़ान:बदरीनाथ धाम और इसके आसपास क्षेत्र में तेज हवाएं चलती हैं। यह क्षेत्र हेली सेवाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। दुर्घटनाग्रस्त हेलीकाप्टर के पायलट कैप्टन शिवाज की बदरीनाथ रूट पर यह पहली उड़ान थी। ऐसे में माना जा रहा है कि पायलट को यहां के हालात की ज्यादा जानकारी नहीं थी।बदरीनाथ हेलीपैड पर अब एक बार में एक हेलीकाप्टर ही उतरेगा और प्रत्येक हेलीकाप्टर अधिकतम 15 मिनट रुकेगा। फिलहाल, प्रशासन को हेलीपैड पर सुरक्षा व्यवस्था बनाने के लिए निर्देशित किया गया है।
वर्ष 2017 में भी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था हेलीकाप्टर
इस हेलीपैड पर 10 जून 2017 को क्रेस्टल एविएशन का हेलीकाप्टर टेकआफ के दौरान क्रैश हो गया था। इसमें चालक दल में शामिल चीफ इंजीनियर विक्रम लांबा की मौत हो गई थी, जबकि दो पायलट घायल हुए थे। हेलीकाप्टर में सवार गुजरात के तीर्थ यात्रियों को भी हल्की चोटें आई थीं। अगस्ता कंपनी का यह हेलीकाप्टर उड़ान भरते समय गिर गया था। तब अपर्याप्त वायुदाब के कारण हेलीकाप्टर के असुंतलित होने की बात सामने आई थी।
केदारनाथ आ रहे हेलीकाप्टर की मौसम अनुकूल नहीं होने पर इमरजेंसी लैंडिंग
केदारनाथ आ रहे एक हेलीकाप्टर को मंगलवार को मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण ऊखीमठ में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। करीब एक घंटे बाद मौसम अनुकूल होने पर हेलीकाप्टर शेरसी हेलीपैड के लिए रवाना हुआ। हिमालय हेली कंपनी का यह हेलीकाप्टर बदरीनाथ धाम से छह तीर्थ यात्रियों को लेकर केदारनाथ आ रहा था। दोपहर करीब तीन बजे मौसम बदल गया। इस पर पायलट को ऊखीमठ में राजकीय इंटर कालेज के मैदान पर हेलीकाप्टर उतारना पड़ा।