भूपेंद्र कुमार
उत्तराखंड पुलिस की महिला हेल्पलाइन विभिन्न समस्याओं से पीड़ित महिलाओं की सहायता करने की प्रति गंभीर नहीं है। इसका खुलासा सूचना के अधिकार के अंतर्गत हुआ है इस संवाददाता ने महिला हेल्पलाइन में भेजी गई शिकायतों के निस्तारण के संबंध में विस्तृत सूचना मांगी थी तथा पूछा था कि जब से महिला पुलिस हेल्पलाइन देहरादून आरंभ हुई है तब से कितने मामलों में एफ आई आर दर्ज करने संबंधी कार्यवाही की गई है और कितनी कार्यवाहियां न्यायालयों को भेजी गई हैं। लगभग 6 बिंदुओं में यह सूचना मांगी गई थी।
किंतु महिला हेल्पलाइन के विषय में लोक सूचना अधिकारी ने सूचना दी कि कोई अभिलेखीय सूचना संचित नहीं है।
महिला हेल्पलाइन प्रभारी ने यह तो बताया कि जब कोई लड़की की ओर से महिला हेल्पलाइन में शिकायत की जाती है और काउंसलिंग के बाद भी समझौता नहीं होता है तो पीड़िता एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से बताती है कि वह अपनी अग्रिम कार्यवाही संबंधित थाने से चाहती है और इस अनुरोध पर पत्रावलियां संबंधित थाने को भेज दी जाती है। किंतु महिला हेल्पलाइन मे इसका कोई ब्योरा नहीं है कि कितने मामलों में काउंसलिंग कराई गई और कितने मामले किस-किस थाने को भेजे गए !
इस संवाददाता ने विभागीय अपीलीय अधिकारी के कार्यालय में सूचना न मिलने पर अपील की है। देखने वाली बात यह होगी कि इस पर क्या सूचना प्राप्त होती है !