पुष्कर सिंह धामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हर माह जनता को संदेश देंगे। मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में समाज कल्याण महिला सशक्तीकरण के साथ ही जनजाति कल्याण विभाग की गेमचेंजर योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बुजुर्गों को प्रतिमाह समय पर पेंशन वितरण के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश में प्रतिमाह मुख्यमंत्री के संदेश के साथ निर्धारित तिथि को वृद्धावस्था पेंशन वितरित की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बुजुर्गों को प्रतिमाह समय पर पेंशन वितरण के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में अकेले रह रहे वृद्धजन की देखभाल के लिए प्रभावी प्रयास पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्य में आंगनबाड़ी केंद्रों को सहयोगी बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में समाज कल्याण, महिला सशक्तीकरण के साथ ही जनजाति कल्याण विभाग की गेमचेंजर योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जनसेवा से जुड़े कार्यों का बेहतर परिणाम देना अधिकारियों का उद्देश्य होना चाहिए।
लाभार्थियों तक कल्याण योजनाओं का लाभ पहुंचाने का उद्देश्य कहां तक पूरा हुआ, इसके लिए विभाग के आउटपुट का परीक्षण होना आवश्यक है। राज्य के विकास में समर्पित एवं प्रतिबद्ध होकर कार्य करने की आवश्यकता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बेहतर वातावरण उपलब्ध करा रही है। सभी एकजुट होकर कार्य करेंगे तो राज्य का बेहतर विकास होगा। उन्होंने भविष्य में अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति की व्यवस्था पर रोक लगाने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियोजन विभाग की ओर से जारी अध्ययन रिपोर्ट में औसत प्रदर्शन वाली योजनाओं को और अधिक उपयोगी बनाया जाए। पूर्व माध्यमिक छात्रवृत्ति योजना, अटल आवास योजना और एससी वर्ग के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार पर उन्होंने विशेष बल दिया।
बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अभी 46 प्रतिशत महिलाएं कुपोषण एवं रक्ताल्पता से ग्रस्त हैं। इस समस्या के निराकरण के लिए विभाग ठोस कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कैबिनेट में कल्याण योजनाओं के संबंध में रखे जाने वाले प्रस्तावों पर जन सुझाव लेने के निर्देश दिए।
दूरस्थ क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी से से पहले नजदीकी सरकारी चिकित्सालयों में देखरेख को उचित व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने राज्य में मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा शुभ जीवन प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार प्रोत्साहन योजना और कामकाजी महिला छात्रावासों के निर्माण को समयबद्धता से कार्य करने को कहा। दिव्यांगजन और छात्रों के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं पर ध्यान देने के साथ नशामुक्त भारत अभियान, शिल्पी ग्राम योजना जैसी केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में तेजी से जनसांख्यिकीय परिवर्तन हो रहा है। इस पर ध्यान देना आवश्यक है। देश की जनसंख्या वर्ष 2000 में 105.79 करोड़ थी, जो वर्ष 2023 में 143.81 करोड़ हाे गई। वहीं उत्तराखंड में इसी अवधि में आबादी 84 लाख से बढ़कर 1.27 करोड़ हो गई।
राष्ट्रीय स्तर पर यह वृद्धि 35 प्रतिशत तो उत्तराखंड में 51 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि नशामुक्त उत्तराखंड योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे केंद्रों के रखरखाव और योजना के प्रभावी प्रचार-प्रसार पर ध्यान दिया जाए। इसके लिए वह स्वयं भी हल्द्वानी में स्थापित केंद्र का निरीक्षण करेंगे।
उन्होंने विभिन्न प्रकार की पेंशन के लाभार्थियों के लिए बनने वाले प्रमाणपत्र आसानी से बनाने, समाज कल्याण विभाग संचालित आइटीआइ से अधिक संख्या में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और उन्हे उद्योगों से समन्वय बनाने को कहा। महिलाओं के आजीविका संवर्धन को चलाई जा रही महिला समेकित योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी, मुख्यमंत्री महिला पोषण, नंदा गौरा जैसी योजनाओं के बेहतर प्रदर्शन पर ध्यान दिया जाए।
बैठक में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, उत्तराखंड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव चंद्रेश कुमार यादव उपस्थित थे।