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गर्मी से होने वाला है बुरा हाल! मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

 देहरादून। उत्तराखंड में मौसम शुष्क हो गया है और पहाड़ से मैदान तक चटख धूप खिल रही है। हालांकि, अभी सुबह-शाम तापमान सामान्य से कम होने के कारण हल्की ठंड बरकरार है। अगले कुछ दिन मौसम में बदलाव के आसार नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अगले कुछ दिन मौसम शुष्क बना रह सकता है। जिससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि संभव है।रविवार को देहरादून समेत पूरे प्रदेश में सुबह से ही चटख धूप खिली रही। जिससे मैदानी क्षेत्रों में दोपहर में तपिश बढ़ गई। ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान भी सामान्य के आसपास बना हुआ है, हालांकि पर्वतीय क्षेत्रों में अभी पारा सामान्य से कम है। इसके अलावा रात को तापमान में कमी के कारण हल्की ठंड बनी हुई है। पर्वतीय क्षेत्रों में सुबह-शाम ठिठुरन महसूस की जा रही है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आज प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहने के आसार हैं। पहाड़ से मैदान तक चटख धूप खिली रह सकती है। जिससे पारे में भी इजाफा होने की आंशका है। खासकर मैदानी क्षेत्रों में गर्मी बढ़ सकती है। आगामी 26 मार्च को पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम करवट बदल सकता है और हल्की वर्षा के आसार हैं।

शहर, अधिकतम, न्यूनतम

  • देहरादून, 30.3, 13.6
  • ऊधमसिंह नगर, 30.0, 10.2
  • मुक्तेश्वर, 20.2, 5.8
  • नई टिहरी, 20.1, 7.4

नैनीताल की ठंडी फिजा भी इस बार गर्मियों में गर्म रहेगी

सरोवर नगरी नैनीताल की ठंडी फिजा भी इस बार गर्मियों में गर्म रहेगी। मौसम के जानकार लगातार बढ़ रहे तापमान इसका प्रमुख कारण मान रहे हैं। जिसके असर से इस बार की गर्मी मई जून में पंखे का सहारा लेने को मजबूर करेगी। विगत करीब तीन दशक से तापमान में निरंतर वृद्धि हो रही है, जबकि पांच सालों में अधिक तेजी आई है। जिस कारण गर्मी का एहसास बढ़ा है। इसके साथ ही आद्रता में कमी आना भी गर्मी का एहसास बढ़ाने में बड़ा कारण है।

तापमान में एक से 1.8 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि दर्ज की गई
नमी की मात्रा में कमी आने से सूखे की स्थिति अधिक बनी है। जिस कारण गर्मी में वृद्धि हुई है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते वैश्विक औसत तापमान में एक से 1.8 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि दर्ज की गई है। वृद्धि की यह डर शीत जलवायु वाले क्षेत्रों के लिए बड़ा घातक है। कहा जा सकता है कि अगले कुछ वर्षों में तापमान में अधिक बढ़ोतरी होगी और नैनीताल जैसी शीत जलवायु वाले क्षेत्र ठंडे नहीं रहेंगे।

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