विशेष

पांच वर्ष उत्तराखण्ड के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं दें डॉक्टर: राज्यपाल

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि युवा डाॅक्टर अपने कैरियर के कम से कम पांच वर्ष उत्तराखण्ड के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं अवश्य दंे। युवा डाॅक्टर स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से मानव सेवा में योगदान दें।
राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने रविवार को एम्स ऋषिकेश में चिकित्सा सेवा में उत्कृष्ट योगदान हेतु विभिन्न चिकित्सकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश ने घोषणा की कि एम्स ऋषिकेश के सभी फैकल्टी व रेजीडेन्ट डाॅक्टर प्रत्येक वर्ष एक सप्ताह राज्य के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देंगे।
राज्यपाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने मानव सेवा को ही ईश्वर की सेवा बताया था। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हमारे युवा सर्वश्रेष्ठ मानव सेवा कर सकते हैं। डाॅक्टरों की जिम्मेदारी समाज और देश के प्रति बहुत अधिक है। युवा चिकित्सकों के हाथ में देश का भविष्य हैं देश को स्वस्थ रखना, निरोगी रखना उनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। स्वास्थ्य सुविधाएं सभी को आसानी से उपलब्ध होनी चाहिये चाहे वे किसी भी वर्ग या समुदाय से हांे। विशेषकर निर्धन व पिछड़े समुदाय के लोगों को हमारे अच्छे डाॅक्टरों की सेवाओं का लाभ मिलना चाहिये।
स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि ‘‘युवाओं यह कभी मत कहो कि मैं नही कर सकता। आप में अनन्त शक्ति विराजमान है। आप कुछ भी कर सकते हैं।’’ आज के समय में जब कोई युवा नये प्रयोगों से हिचकता है तब स्वामी विवेकानंद का यह वक्तव्य बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत के युवा प्रतिभाशाली हैं। विदेशों में भी भारतीय युवा प्रतिभाओं का बहुत सम्मान है। आज युवा सोशल मीडिया पर भी बहुत सक्रिय है। वे निर्भीक होकर अपनी आवाज बुलन्द करते हैं। विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार प्रकट करते हैं। युवाओं की यह सकारात्मक ऊर्जा देश के विकास और राष्ट्र निर्माण में काम आनी चाहिये।
युवाओं को अपने संवैधानिक अधिकारों के साथ साथ कर्तव्यों का भी बोध होना चाहिये। एक जिम्मेदार नागरिक होने के कारण सबको पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण के लिए भी गम्भीरता से कार्य करना होगा। प्रदूषण और सिंगल यूज प्लास्टिक के विरूद्ध जन अभियान चलाना होगा।
एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो0 रविकान्त ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार आज के युवाओं के लिये प्रेरणादायक हैं। युवाओं को स्वामी विवेकानन्द के आदर्शों पर चलकर देश के विकास व प्रगति में योगदान देना चाहिये।
युवा व खेल मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य शत्रुद्र प्रताप सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत को अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर गौरव प्रदान किया। उनके शिक्षाएं आज भीे युवाओं के लिये प्रासंगिक व प्रेरणादायक हैं।
Related
विश्वविद्यालयों को सरकार और समाज के साथ करनी चाहिए ‘एक्टिव पार्टनरशिप’: राज्यपाल
विश्वविद्यालयों को सरकार और समाज के साथ करनी चाहिए ‘एक्टिव पार्टनएक ओर जहां देशभर सहित उत्तराखंड में ऐसी चकाचौंध है कि जो सपने सरीखी प्रतीत होती है, वहीं इसी देश में ग्रामीण अंचलों में ऐसे ऐसे क्षेत्र हैं, जहां देखकर लगता है कि 21वीं सदी में भी विकास की एक किरण यहाँ नहीं पहुंच पाई है। जाहिर है कि कुछ क्षेत्रों में चकाचौंध का कारण यही है कि वह लोग समय पर मुख्यधारा में शामिल हो गए, लेकिन पिछड़े क्षेत्रों को आज भी मुख्यधारा में आने के लिए एड़ी-चोटी का जोर तक लगाना पड़ता है, लेकिन फिर भी वे मुख्यधारा में शामिल नहीं हो पाते हैं।
उत्तराखंड की बात करें तो यहां अधिकांश पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां पहाड़वासी आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्हें स्वास्थ्य सड़क और शिक्षा जैसी समस्याओं से रोजाना जूझना पड़ता है। यही नहीं नदी पार लटक कर करना पड़ता है। इसके अलावा रोजगार की समस्या होने से पहाड़ों से लगातार पलायन होता जा रहा है। इसका भी मूल कारण यही है कि यहां के वाशिंदे आज भी मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाए हैं। इन लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो पाती तो शायद उत्तराखंड जैसी पहाड़ी प्रदेश में पलायन का ऐसा दंश नहीं झेलना पड़ता। मुख्यधारा का मकसद यही है कि जिस तरह से दबे कुचले शोषित वंचित कमजोर वर्ग के लोगों की आवाज को उठाने में अब तक हिचकिचाहट होती रही है, वह अब और नहीं। ऐसे लोगों की आवाज बन कर मुख्यधारा उन्हें भी मुख्यधारा में शामिल कराने के लिए संघर्ष करता रहेगा।