नवनिर्वाचित कार्यकारिणी आज लेंगी शपथ
नगर आयुक्त ने तैयारियों का लिया जायजा
गुरुवार को स्वयं नगर आयुक्त नमामी बंसल ने मौके पर जाकर तैयारियों का जायजा लिया था। नगर निगम परिसर में टेंट लगाने के साथ ही साफ-सफाई और सजावट की जा चुकी है। रंगीन रोशनी से भी निगम परिसर को सजाया गया है। इस बार शपथ ग्रहण समारोह पर करीब 12 से 15 लाख रुपये का खर्च आने का अनुमान है। जबकि, पिछली बार यह खर्च आठ लाख रुपये के करीब रहा था।
शपथ ग्रहण के बाद होगी पहली बैठक
वहीं, नगर निगम की आठ टीम गुरुवार को सभी विधायक, मंत्री, सांसद समेत तमाम वीआइपी महमानों को निमंत्रण पत्र पहुंचाने में जुटी रहीं। साथ ही फोन भी बजते रहे। इसके साथ ही आज सुबह से ही निगम परिसर में चहल-पहल रहने की उम्मीद है। शपथ ग्रहण के बाद नए बोर्ड की पहली औपचारिक बैठक भी आयोजित की जाएगी। जिसमें परिचय से लेकर अन्य सामान्य औपचारिकताएं की जाएंगी।
नए बोर्ड की राह में कम नहीं चुनौतियां
दून में कूड़ा प्रबंधन व निस्तारण एक बड़ी समस्या बना हुआ है। शत-प्रतिशत घर-घर कूड़ा उठान और सार्वजनिक स्थलाें को कूड़ा मुक्त करने के लिए ठोस प्लान बनाना होगा। ट्रांसफर स्टेशन और कूड़ा निस्तारण प्लांट को व्यवस्थित व विस्तारित करना होगा। इसके अलावा सोर्स सेग्रीगेशन कर गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग निस्तारित कराना भी चुनौती है।
फुटपाथ व सड़क पर अतिक्रमण
देहरादून में सड़कें संकरी हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या रहती है। यहां फुटपाथ और सड़क के किनारे अतिक्रमण बड़ी चुनौती है। जिसके विरुद्ध व्यापक अभियान चलाने के साथ ही स्थायी रूप से अतिक्रमण मुक्त सड़कों पर कार्य करना होगा। पार्किंग की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम को कवायद करनी होगी।
इसके अलावा फुटपाथों और सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण की समस्या दून के लिए नासूर बन चुकी है। स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण व अवैध निर्माण के कारण ट्रैफिक और जल निकासी व्यवस्था पर दबाव बढ़ता है।
जल निकासी और बाढ़ प्रबंधन पर कार्य
मॉनसून में दून में जलभराव की समस्या आम है। कुछ देर की बारिश में ही पूरा शहर तालाब बन जाता है। शहर का जल निकासी तंत्र पुराना और अव्यवस्थित है। नालियों का जाल बढ़ाना होगा और चोक नालियों को जल निकासी के लिए तैयार करना होगा। नदियों और नालों में कचरा फेंकने के कारण जल निकासी बाधित होती है। साथ ही निर्माण सामग्री भी नालियों में जमकर सिस्टम की हवा निकाल देती है।
इन योजनाओं को भी धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी
शहर में रोड स्वीपिंग मशीन खरीदने, शीशमबाड़ा के अपग्रेडेशन, मैकेनाइज्ड ट्रांसफर स्टेशन, स्मार्ट वेंडिंग जोन, स्मार्ट फूड कोर्ट, पर्यटन स्थल के रूप में मिनी तालाब का सौंदर्यीकरण, साइकिल ट्रैक का निर्माण आदि योजनाएं पिछले बोर्ड के कार्यकाल में फाइलों से बाहर नहीं आ सकीं। ऐसे में नए बोर्ड के कंधों पर इन्हें समय पर धरातल पर उतारने की चुनौती है।
बुनियादी सुविधाओं का अभाव
- शहर में सार्वजनिक शौचालयों की संख्या कम है।
- पार्क, खेल मैदान और सामुदायिक केंद्रों की कमी है।
- फल-सब्जी विक्रेताओं के लिए वेंडिंग जोन नहीं हैं।
- शहर के व्यस्त क्षेत्रों में वाहन पार्किंग की सुविधा नहीं है।