खुलासा

ख़ुलासा: CM धामी जी जनहित में तत्काल कार्यवाही कीजिए, नशा मुक्ति केन्द्रों में दुष्कर्म से लेकर हत्या तक की घटनाएं हो रही हैं परंतु किसी विभाग के पास इनकी जानकारी व इनपर नियंत्रण नहीं हैं

भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी कृपया जनहित में इस अत्यंत गंभीर प्रकरण में तत्काल कार्यवाही करने की कृपा करें।

देहरादून: अधिवक्ता शिवा वर्मा ने दिनांक 27 जुलाई 2021 को लोक सूचना अधिकारी समाज कल्याण विभाग देहरादून/ दिनांक 06-8-2021 को लोक सूचना अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय देहरादून/ लोक सूचना अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय देहरादून तथा लोक सूचना अधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय देहरादून से जनहित में नशा मुक्ति केंद्रों के संबंध में निम्न सूचनाएं मांगी गई।
1- उत्तराखंड के संचालित नशा मुक्ति सेंटर (केंद्रों) की कुल संख्या कितनी है।
2- नशा मुक्ति केंद्र को खोलने की स्वीकृति किस नियम के तहत की गई है से संबंधित सूचनाओं की संपूर्ण पत्रावलीयों की सूचना।
शिवा वर्मा की उपरोक्त सूचनाओं का जिला समाज कल्याण अधिकारी देहरादून ने जवाब दिया कि उत्तराखंड के संचालित नशा मुक्ति सेंटर (केंद्रों) की कुल संख्या इस कार्यालय में धारित नहीं है और दूसरे बिंदु का जवाब दिया कि नशा मुक्ति सेंटर (केंद्र) को खोलने की स्वीकृति से संबंधित सूचना इस कार्यालय में धारित नहीं है।
इसी प्रकार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय व मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के लोक सूचना अधिकारियों ने भी एक ही सुर में रटा-रटाया जवाब दिया कि मांगी गई सूचनाएं,कार्यालय अभिलेखों में धारित संचित नहीं है।ओर लोक सूचना अधिकारी जिला अधिकारी कार्यालय द्वारा सूचना हेतु सूचना पत्र को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय देहरादून को ट्रांसफर कर दिया।
सूचनाएं प्राप्त ना होने पर दिनांक 07-9-2021 शिवा वर्मा द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय देहरादून के प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील की गई परंतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय देहरादून के विभागीय अपीलीय अधिकारी ने भी आज दो माह बाद तक भी अपील का निस्तारण करना तो दूर अपीलार्थी को सुनवाई का नोटिस तक नहीं भेजा हैं।
शिवा वर्मा ने इस अत्यंत ही गंभीर प्रकरण में उत्तराखंड सूचना आयोग में भी द्वितीय अपील योजित कर दी है परंतु वहां पर अभी कोई भी कार्यवाही या सुनवाई होना संभव नहीं है क्योंकि आयोग में इस समय एक ही सूचना आयुक्त होने के कारण कोरम पूरा नहीं है।
सवाल यह है कि उत्तराखंड के नशा मुक्ति केंद्रों में इतनी बड़ी-बड़ी दुष्कर्म से लेकर हत्या तक की घटनाएं हो रही हैं और इनके बारे में जिला प्रशासन ,पुलिस विभाग, समाज कल्याण विभाग और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय देहरादून के पास नशा मुक्ति केंद्रों की जानकारी ही नही हैं, जबकि नशा मुक्ति केंद्रों में घटी घटनाये अखबारों से लेकर सोशल मीडिया तक की सुर्खियां बनी रही क्या तब भी संबंधित विभागों की नींद नहीं खुली।
उदाहरण के लिए पिछले दिनों देहरादून के रिस्पना पुल के निकट लाइफ केयर फाउंडेशन रिहैब सेंटर में भर्ती युवक इशांत शर्मा निवासी गुजराड़ा की तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई इस मामले में नेहरू कॉलोनी पुलिस ने केंद्र संचालक समेत अन्य पांच के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है / देहरादून के ही क्लेमेनटाउन क्षेत्र में प्रकृति विहार स्थित नशा मुक्ति केंद्र के संचालक पर एक युवती के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा पुलिस ने केंद्र संचालक विद्यादत रतूड़ी ओर विभा सिंह को गिरफ्तार कर लिया तथा देहरादून के बसंत विहार स्थित जीवन परिवर्तन नशा मुक्ति केंद्र से 12 युवक भाग गए क्योंकि केंद्र में कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था।

नशा मुक्ति केंद्रों से संबंधित जनहित की आरटीआई लगाने वाले देहरादून बार एव हाईकोर्ट उत्तराखंड में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता शिवा वर्मा का कहना है कि यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है की जिन नशा मुक्ति केंद्रों में दुष्कर्म से लेकर हत्या तक की घटनाएं हो रही है फिर भी नशा मुक्ति केंद्रों की किसी के पास भी कोई जानकारी नहीं है और नशा मुक्ति केंद्र के मामले में मेरे को अगर हाईकोर्ट सुप्रीमकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाना पड़े तो वह भी करूंगा ।