भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
देहरादून: मामला यह हैं कि खाद्य विभाग द्वारा खाद्य वस्तुओं (दूध,पका भोजन, मीट,मछली, मुर्गे ओर आइसक्रीम आदि) के सैम्पल लेने की बात कभी कभार ही मीडिया के माध्यम से प्रकाश में आती हैं, ओर लिए गए सैम्पलों में से कितने सैम्पल जाँच के लिए भेजे ओर गलत रिपोर्ट आने पर कितनों के विरुद्ध क्या -क्या कार्यवाही हुई यह भी पता नही लग पाता हैं, जबकि यह खाद्य वस्तुओं के सैम्पल का मामला मिलावटखोरों की वज़ह से स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़ा हुआ हैं।
इस संवाददाता ने आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़े उपरोक्त प्रकरण में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि माह जून 2021 से वर्तमान तक जिला देहरादून में जितने भी संस्थानों से विशेषकर त्योहारों पर खाद्य विभाग द्वारा सैम्पल लिए गए/ जितने भी सैम्पल जाँच हेतु भेजे गए/कितने सैम्पलों की रिपोर्ट सही प्राप्त हुई ओर कितने सैम्पलों की रिपोर्ट गलत प्राप्त हुई तथा गलत रिपोर्ट प्राप्त होने पर जितने भी संस्थानों के विरुद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की गई के सम्बन्ध में जनहित न्यायहित में रिपोर्ट तलब कर कार्यवाही करने की कृपा करें।
मानवाधिकार आयोग द्वारा दायर जनहित याचिका की गंभीरता एवं स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़ा देखते हुए आयोग की डबल बेंच द्वारा याचिका पर तत्काल सुनवाई की गई और आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा कार्यवाही करते हुए जिलाधिकारी देहरादून को नोटिस जारी किया गया कि शिकायतकर्ता भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी द्वारा देहरादून में खाद्य विभाग द्वारा खाद्य वस्तुओं के लिए गए सैम्पल उनकी जाँच एवं जनहित में कार्यवाही करने के सम्बन्ध में शिकायत प्रस्तुत की हैं।न्यायहित में शिकायत की प्रति जिलाधिकारी देहरादून को प्रेषित कर दी जाय और जिलाधिकारी देहरादून को निर्देशित किया जाता हैं की वह अपनी आख्या 04 सप्ताह में आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें ।
इस अत्यंत गंभीर मामले में जो स्पष्ट रुप से आमजनता से जुड़ा हुआ है में नियत तिथि पर जिलाधिकारी देहरादून द्वारा आख्या प्रस्तुत ना करने पर आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी देहरादून को आदेश जारी किए गए कि वे नियत तिथि से पूर्व अपनी आख्या आयोग के समक्ष अवश्य प्रस्तुत करें। आख्या प्रस्तुत न करने की स्थिति में वे आगामी दिनांक को किसी वरिष्ठ भिज्ञ अधिकारी को समस्त प्रपत्रों के साथ आयोग के समक्ष उपस्थित होना सुनिश्चित करें, जिससे उनका सशपथ बयान अंकित किया जा सके।