भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
कोरोना टीकाकरण के नाम पर कुछ निजी अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध करवाए गए टीकों के बदले मनमानी कर लोगों से पैसों की वसूली की गयी।
समस्त प्रकरण इस प्रकार हैं कि देहरादून में कोरोना टीकाकरण के नाम पर कुछ निजी अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध करवाए गए टीकों के बदले मनमानी कर लोगों से पैसों की वसूली की हैं और रु 1100/-(ग्यारह सौ ) तक वसूले गए हैं, जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने 11 प्राइवेट अस्पतालों को नोटिस भेजकर वहां टीकाकरण पर रोक लगा दी हैं, इसमें शहर के कई नामी अस्पताल भी शामिल है।
कोविन पोर्टल के जिला प्रभारी डॉ आदित्य सिंह के अनुसार जिले में 11 प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना टीकाकरण कराया जा रहा है। मगर इनमें कुछ अस्पतालों में सुविधा शुल्क के नाम पर लोगों से रुपए वसूलने की शिकायतें मिली थी मुफ्त टीका लगाने के लिए लोगों से रुपया नहीं लिया जा सकता। साथ ही बीपी चेक करने या पंजीकरण या फिर बीमारी का सर्टिफिकेट बनाने का भी पैसा नहीं लिया जा सकता।
सीएमओ देहरादून डॉ. मनोज उप्रेती की ओर से यह नोटिस भेजे गए हैं, प्रतिरक्षण अनुभाग से इन प्राइवेट अस्पतालों को कोविशील्ड-कोवैक्सीन उपलब्ध कराई गई थी ताकि आम लोगों को मुफ्त टीका लगाया जा सके।
इस अत्यंत ही गंभीर प्रकरण में मेरे द्वारा मानव अधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि उपरोक्त प्रकरण बहुत ही गंभीर और स्पष्ट रूप से आम जनता से जुड़ा हुआ है इसमें तत्काल ही कार्यवाही कर समस्त रिपोर्ट तलब करने की कृपा करें क्योंकि जांच के नाम पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लीपापोती की जा सकती है क्योंकि मामला बहुत ही बड़े बड़े निजी अस्पतालों से जुड़ा हुआ है और वह दबाव डालकर इस मामले को प्रभावित कर सकते हैं,तथा जिन-जिन लोगों से टीके के नाम पर पैसे वसूले गए हैं उनको वापिस करवा जनहित न्यायहित में तत्काल कार्यवाही करने की कृपा करें।
आयोग द्वारा मामले की गंभीरता देखे हुए दर्ज याचिका पर सुनवाई करते हुए सचिव स्वास्थ्य उत्तराखंड शासन को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।
इस संवाददाता द्वारा सचिव स्वास्थ्य उत्तराखंड शासन के कार्यालय से भी सूचना के अधिकार अधिनियम के माध्यम से मानव अधिकार आयोग के आदेशों के बाद क्या कार्यवाही की गई जानकारी मांगी जाएगी।