भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी करार और जेल में सजा काट रहे कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार के लिए मुश्किलें और बढ़ गई है। दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के दंगों के दौरान एक सिख व्यक्ति और उनके बेटे की हत्या करने के एक अन्य मामले में पूर्व नेता को आरोपी पाया है।
सिख विरोधी दंगों के दौरान हुए दोहरे हत्याकांड में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या और दंगा करने के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य व सामग्री है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सज्जन कुमार न केवल एक भागीदार था, बल्कि उसने एक दंगाई भीड़ का नेतृत्व भी किया था। मामले में आगे की सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।
पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में एक नवंबर 1984 को एक हजार लोगों की भीड़ ने एक पिता और पुत्र को जिंदा जला दिया था। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि कुमार के उकसाने पर भीड़ ने दोगों को जिंदा जला दिया और उनके घर को क्षतिग्रस्त, नष्ट, लूट और जला दिया गया था। इतना ही नहीं उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
अदालत ने कहा कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-147 और 148 (दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा), 302 (हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या), 323 (गैर इरादतन हत्या) के तहत आरोप तय करने का मामला बनता है।
हालांकि सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगा के एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।