भूपेंदर कुमार लक्ष्मी
उत्तराखंड के जिला देहरादून थाना पटेल नगर की पुलिस धोखाधड़ी की एक शिकायत लगभग ढाई महीने से दबाकर बैठी हुई है और शिकायतकर्ता आसिफ़ खान जब भी थाना पटेल नगर या थाना पटेल नगर के अंतर्गत बाजार चौकी में जाता है ओर पूछता हैं कि कि मैंने जो शिकायत दी हैं क्या उसमें मुकदमा दर्ज़ हो गया हैं बताना तो दूर उससे सीधे मुंह बात ना कर टरकाने की कोशिश की जाती है।
संपूर्ण वाक्य इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता आसिफ खान द्वारा दिनांक 16-4-2021 को थानाध्यक्ष पटेल नगर देहरादून को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया था कि महबूब पुत्र घसीटा निवासी ग्राम लंढोरा रुड़की जिला हरिद्वार से मेरी पुरानी जान पहचान हैं और उसने मेरे को एक तेलु नाम के व्यक्ति की जमीन का हवाला देते हुए कहा कि उस जमीन पर खनन का कार्य होना है और यह हमारी वैध खनन के पट्टे की भूमि है और शिकायतकर्ता से कहा कि आप हरिद्वार आ जाओ और मेरे पुत्र सोनू के साथ मेरे जानने वाले विजयपाल के पास चले जाना यह लोग आपको जमीन के मालिक तेलु से मिलवा देंगे उसके बाद दिनांक 05-11-2020 को विजयपाल का फोन शिकायतकर्ता के फोन पर आया और उसने कहा कि मैं आपको अपने अकाउंट बैंक ऑफ बड़ौदा की पासबुक की फोटो कॉपी व्हाट्सएप पर प्रेषित कर रहा हूं। आप मेरे अकाउंट में ₹100000/- एक लाख डलवा दें।
शिकायतकर्ता ने विश्वास करते हुए उनके अकाउंट में बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा पटेल नगर देहरादून के माध्यम से नगद रु 80,000/- जमा करवा दिए।परंतु जब शिकायतकर्ता को 15 दिन पश्चात अपने पैसे नहीं मिले उसने कई बार फोन किया और अपने पैसे लौटाने के लिए गुहार लगाई परंतु उन्होंने शिकायतकर्ता आसिफ खान के रुपए वापस नहीं किए।
इसके बाद शिकायतकर्ता आसिफ खान ने दिनांक 16-4-2021 को थाना पटेल नगर में शिकायती पत्र दिया कि आज दिनांक तक इन व्यक्तियों के द्वारा ना तो किसी प्रकार का कोई खनन कार्य किया गया और ना ही मेरे बार-बार आग्रह करने के पश्चात भी मेरे पैसे लौटाए जा रहे हैं और इन लोगों ने खनन के नाम पर साजिश रच कर धोखाधड़ी कर उसके रुपए ठग लिए हैं। इसलिए कार्यवाही करने की कृपा करें।
थाना पटेल नगर पुलिस ने दिनांक 16-4-2021 को शिकायतकर्ता की शिकायत लेने के पश्चात जब कुछ दिन तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तब शिकायतकर्ता ने थाने के चक्कर काटने शुरू कर दिए और थानाध्यक्ष पटेल नगर से जब अपनी शिकायत के बारे में पूछा उन्होंने शिकायतकर्ता से कहा कि बाजार चौकी चले जाओ। शिकायतकर्ता के बाजार चौकी जाने पर वहां के पूर्व इंचार्ज से जब शिकायतकर्ता ने अपने शिकायती पत्र के संबंध में बात करने की कोशिश की तो उस चौकी इंचार्ज ने शिकायतकर्ता से बात तक करना अपनी शान के खिलाफ समझा इसी तरह शिकायतकर्ता द्वारा पटेल नगर थाने और बाजार चौकी के कई चक्कर लगाए गए परंतु उसे वहां से टरकाने के अलावा कुछ नहीं किया गया।
इस मामले की सच्चाई जानने हेतु आसिफ़ खान की शिकायत के संबंध में जब मुझ संवाददाता द्वारा कल दिनांक 27-6-2021 तीन दफा थाने के लैंडलाइन नंबर पर फोन किए और उधर से एक महिला पुलिसकर्मी ने फोन उठाया मेरे द्वारा उनसे कहा गया कि दिनांक 16-4-2021 को आसिफ खान नामक शिकायतकर्ता ने एक शिकायत दर्ज करवाई थी उस शिकायत के संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में पूछा गया। मेरे द्वारा पूछने के बाद महिला पुलिसकर्मी द्वारा कहा गया कि 10 मिनट बाद आपको बताते हैं। मेरे द्वारा काफी देर बाद फिर फोन किया गया तो कहां गया की प्रार्थना पत्र के संबंध में पता नहीं लग रहा है शायद आपने शिकायत की तारीख गलत बताई थी, परंतु मेरे द्वारा उस महिला पुलिसकर्मी को शिकायत की तारीख फिर से बताई गई तो कहा गया कि थोड़ी देर में बताते हैं। उसके बाद मेरे द्वारा या फिर से फोन किया गया तब उस महिला पुलिसकर्मी द्वारा कहा गया कि वह शिकायत मिल नहीं रही है, इसलिए शिकायत की फोटो कॉपी मेरे व्हाट्सएप पर भेज दीजिए मेरे द्वारा शिकायत की कॉपी व्हाट्सएप पर भेज दी गयी और व्हाट्सएप पर भेजने के बाद भी जब कोई जवाब नहीं मिला तब मेरे द्वारा फिर से फ़ोन किया गया तो कहा गया कि इस शिकायत के संबंध में तो हमारे थाने के पुलिसकर्मी पारस ही बता सकते हैं। उसके बाद मेरे द्वारा पुलिसकर्मी पारस को उनके मोबाइल पर फोन करके शिकायत के संबंध में पूछा गया तो उनके द्वारा तत्काल बता दिया गया कि आसिफ़ खान के नाम की शिकायत बाजार चौकी भेजी हुई है। मैंने पारस से पूछा कि क्या उस में मुकदमा दर्ज हो गया वह तो कहा गया कि मुकदमा तो दर्ज नहीं हुआ है, परंतु प्रार्थना पत्र बाजार चौकी भेजा हुआ है।
आखिर सवाल यह है कि क्या कुसूर है आमजनता का शिकायत देने के पश्चात भी गिड़गिड़ाना पड़ता है थाने कोतवालियो चौकियों के चक्कर काटने पड़ते हैं जैसे कि कोई बहुत ही बड़ी गलती कर दी है पुलिस थाने चौकी में शिकायत दर्ज करवाने के बाद और उपरोक्त मामले में तो शिकायतकर्ता से स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी हुई है क्योंकि उसने ऑनलाइन बैंक के माध्यम से भुगतान किया है फिर भी एफआईआर दर्ज नही की गयी।
जब शिकायतकर्ता आसिफ खान ने इस संवाददाता को इस प्रकरण के बारे में बताया तो मेरे द्वारा जैसे कि ऊपर अपनी खबर में उल्लेख किया गया है कि मैंने कल कितनी दफा थाना पटेल नगर में इस शिकायत के संबंध में जानकारी चाहने हेतु फोन किया और कितनी बार मुझे बार-बार फोन करने पड़े लगता तो ऐसा है कि शिकायतकर्ताओं का ऐसे ही उत्पीड़न किया जाता होगा दूसरी तरफ बार-बार उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक एवं उत्तराखंड गढ़वाल परिक्षेत्र पुलिस उपमहानिरीक्षक द्वारा निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि शिकायत आने के बाद तत्काल कार्रवाई की जाये और संबंधित प्रकरणों में मुकदमे दर्ज किए जाए परंतु इसी शिकायती प्रकरण में ले लो क्या थाना पटेलनगर पुलिस ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड और पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परीक्षेत उत्तराखंड के निर्देशों से कोई सीख ली या उसका पालन किया है लगता है नहीं क्योंकि ऐसा किया गया होता तो शिकायतकर्ता का उत्पीड़न नहीं होता और इस मामले में पटेलनगर थाने के जिस जिस अधिकारी कर्मचारी की जानकारी में उपरोक्त शिकायती पत्र है उन सब की जिम्मेदारी बनती है क्या इनके विरुद्ध धोखाधड़ी की शिकायत पर कार्रवाई न करने शिकायत दबाने पर कोई कार्यवाही होगी क्या और वह महिला पुलिसकर्मी जिसको इस संवाददाता द्वारा कई फोन किए और उसके व्हाट्सएप नंबर पर शिकायती पत्र की फोटो कॉपी तक भेजी गयी परंतु उसके द्वारा टालमटोल करने में कोई भी कमी नहीं छोड़ी गयी।
मेरी पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र से प्रार्थना है कि थाना पटेल नगर में पिछले लगभग 1 वर्षों से आये शिकायती प्रार्थना पत्रों की जांच की जाए उसमें इनके द्वारा क्या कार्रवाई की गई और साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय से कितने शिकायती प्रार्थना पत्र आये और उनके संबंध में क्या कार्यवाही की गई सबकी जांच हो जाए तो बहुत बड़ा खुलासा हो सकता है।