इस अवसर पर सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने कहा कि यह कदम पुष्कर सिंह धामी सरकार की महिला सशक्तीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में समाज में बदलाव तेजी से हो रहा है, महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण बहुत जरूरी है।
कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न के बारे में जागरूकता बढ़ाने से महिलाओं की गरिमा की रक्षा होती है और लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलता है। शादी से पहले संवाद युवाओं को अच्छे और सम्मानजनक संबंध बनाने के लिए तैयार करता है, जिससे घरेलू हिंसा भी कम हो सकती है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की विजया राहटकर ने कहा, उत्तराखंड में महिलाएं बदलाव की धुरी बन रही हैं। ऐसे में राज्य में ऐसे अभियानों की बहुत आवश्यकता है। ”तेरे मेरे सपने” मात्र अभियान नहीं, बल्कि महिला गरिमा और सुरक्षा के लिए मजबूत पहल है। बैठक में राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कंडवाल, शासन के वरिष्ठ अधिकारी, महिला सशक्तीकरण, शिक्षा सामाजिक कल्याण विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।